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Tuesday 11 February 2014 09:45:46 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर दोगुना प्रयास करने की आवश्यकता बताई है। राष्ट्रपति ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय सतर्कता आयोग के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर एक संगोष्ठी का उद्घाटन किया, जिसका विषय था-'भ्रष्टाचार का मुकाबला-उत्तरदायी संस्थानों, जांच एजेंसियों, नागरिक समाज और मीडिया की भूमिका'। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार दु:साध्य है, यह समझकर इस समस्या को हल करने का विश्वास हमें नहीं खोना चाहिए, केंद्रीय सतर्कता आयोग को अपनी ऊर्जा फिर से संचित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ सक्रियता से कदम उठाना चाहिए, उसे बिना भय और पक्षपात के भ्रष्टाचार के सभी आरोपों की तेजी से जांच करनी चाहिए, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि भ्रष्टाचार की जांच के नाम पर निंदा अभियानों से प्रतिष्ठा और जीवन पेशे पर आघात न पहुंचे।
राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग को सुशासन का साथ देना चाहिए और देश हित में त्वरित, उत्तरदायी और साहसी निर्णय लेना चाहिए। केंद्रीय सतर्कता आयोग के सदस्यों और इसके कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में उच्चतम स्तर की सत्यनिष्ठा बनाए रखते हुए एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने के राष्ट्रीय प्रयासों में कोई कमी नहीं है, लेकिन हमें मानना पड़ेगा कि इस बारे में हमारी सफलता सीमित है, भ्रष्टाचार देश की प्रगति में एक बड़ा अवरोधक बना हुआ है, इससे लेन-देन व्यय में बढ़ोत्तरी हुई है, निर्णय लेने की प्रक्रिया दूषित हुई है और हमारे समाज का नैतिक ताना-बाना कमजोर हुआ है। भ्रष्टाचार से असमानता बढ़ी है और आम आदमी खास तौर पर गरीबों की लोकसेवा तक पहुंच सीमित हो गई है। केंद्रीय सतर्कता आयोग को आमतौर पर सीवीसी के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हाल में हम भ्रष्टाचार पर बड़ा हो-हल्ला देख सुन रहे हैं, वातावरण में हताशा और निराशा व्याप्त है, ऐसे में हमें अपनी शासन-प्रणाली और संस्थानों की विश्वसनीयता में लोगों का भरोसा फिर से बहाल करने की तुरंत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर जनमत और सर्वेक्षण से पता चलता है कि भ्रष्टाचार हमारे नागरिकों की सबसे बड़ी चिंता का विषय है, हमें आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है कि छोटे-मोटे भ्रष्टाचार जिससे बड़े पैमाने पर लोग प्रभावित हो रहे हैं और सरकार में उच्च स्तरके भ्रष्टाचार का कैसे उन्मूलन करें। नागरिक समाज और मीडिया खास तौर पर नवीन मीडिया सकारात्मक बदलाव के प्रर्वतक हो सकते हैं और इस बारे में शक्तिशाली भूमिका निभा सकते हैं। राष्ट्रपति ने केंद्रीय सतर्कता आयोग का आह्वान किया कि वह सरकार को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए नेतृत्व प्रदान करे और सरकारी अधिकारियों के प्रति जन-निराशा को बदलने में अपना योगदान करे।
इस अवसर पर एक कॉफी टेबल पुस्तक का विमोचन किया गया, जिसकी पहली प्रति प्रधानमंत्री के हाथों राष्ट्रपति को सौंपी गई। एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया गया। समारोह में उपस्थित गण-मान्य लोगों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय संचार, सूचना प्रौद्योगिकी और विधि तथा न्याय मंत्री कपिल सिब्बल, लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार शामिल थे।