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Thursday 03 January 2013 01:51:47 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय राजस्व सचिव सुमित बोस ने अप्रत्यक्ष करों के भुगतान के बारे में सभी कर निर्धारतियों से व्यापार सुविधा जारी रखने के लिए सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवाकर का सही और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने को कहा है और स्पष्ट किया है कि ऐसा न करने पर उन्हें इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। राजस्व सचिव ने एक वक्तव्य में कहा कि वित्त मंत्री ने लगातार इस बात पर बल दिया है कि कर कानूनों में स्पष्टता, स्थायी कर ढांचा, स्वच्छ कर प्रशासन, विवादों के हल के लिए उचित व्यवस्था और स्वतंत्र न्यायपालिका से निवेशकों का विश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग तो व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयत्न कर रहा है, लेकिन फिर भी कुछ करदाता या कर निर्धारती अपने बकाया कर का समय पर भुगतान नहीं करके अपने कर्तव्य और कानून का पालन नहीं कर रहे हैं।
केंद्रीय राजस्व सचिव का कहना है कि ऐसा देखने में आया है कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क के कुछ निर्धारती चोरी छिपे सामान हटाना जारी रखे हुए हैं, कभी-कभी बिना पंजीकरण, सेनवैट ऋण का दुरूपयोग या कानून का उल्लंघन करते हुए सरकार को बकाया केंद्रीय उत्पाद शुल्क का भुगतान नहीं करते। हम ऐसे तत्वों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। उन्हें सलाह दी जाती है कि आगे आकर सभी बकाया करों का भुगतान करें और कम की गई पेनल्टी का लाभ उठाएं। अगर वो ऐसा नही करेंगे तो उन्हें परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए जैसे- शुल्क की ब्याज और 100 प्रतिशत दंड सहित वसूली, सेनवैट ऋण का निलंबन, संपत्ति की अनंतिम कुर्की, और गिरफ्तारी और मुकदमा।
उन्होंने कहा कि जहां तक सेवाकर की बात है, नकारात्मक सूची और छूटवाली सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं कर योग्य हैं। बहुत से सेवा प्रदाताओं ने, जिन्हें अब सेवाकर देना चाहिए, पंजीकरण नहीं कराया है, यह भी बात ध्यान में आई है कि हमारे पास पंजीकृत आधे से अधिक सेवा प्रदाता रिटर्न नहीं भर रहे हैं, विभाग ने इस तरह की सूचना भी जुटाई है कि बहुत से सेवा प्रदाता सेवा कर वसूल तो कर रहे हैं, लेकिन सरकार के पास जमा नहीं कर रहे हैं, इसलिए मैं ऐसे सभी सेवा प्रदाताओं को चेतावनी देना चाहता हूं कि उनसे न केवल सेवा कर ब्याज और दंड सहित वसूला जाएगा, बल्कि इन अपराधों के लिए उन पर मुकदमा भी चलाया जा सकता है, उन पर बकाया राशि का पता सरकार तीसरी पार्टी से भी लगा सकती है।
सुमित बोस ने कहा कि जहां तक सीमा शुल्क की बात है तो देखने में आया है कि कुछ आयातक और निर्यातक सीमा शुल्क से बचने के लिए आयात और निर्यात के बारे में गलत जानकारी और वस्तुओं की गलत घोषणा कर रहे हैं और विभिन्न छूटों और प्रोत्साहनों का दुरूपयोग कर रहे हैं। जब स्वनिर्धारण के आधार पर 70 प्रतिशत खेप की अनुमति सीमा शुल्क विभाग दे रहा है और विभाग कोई मूल्यांकन और जांच भी नहीं कर रहा है, तो ऐसे में आयातकों, निर्यातकों को कर के बारे में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। कुछ गलत लोग डीआरआई और सीमा शुल्क विभाग की खुफिया शाखा की नजर में हैं। ऐसे आयातकों और निर्यातकों को ब्याज सहित शुल्क, 100 प्रतिशत तक जुर्माना और दंड सहित अपवंचित शुल्क का भुगतान करने के अलावा गिरफ्तारी और मुकदमा सहित कानूनी परिणामों को भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनके लिए एक मात्र रास्ता है कि वे आगे आकर शुल्क का भुगतान करें और घटाई गई पेनल्टी का लाभ उठाएं।
विभिन्न स्रोतों से समयानुसार लेन-देन और वित्तीय आंकड़ों की इलेक्ट्रानिक माध्यम से उपलब्धता होने के कारण उन्होंने इस बात पर बल दिया है कि भुगतान नहीं करने वालों के घर पर कर अधिकारियों का पहुंचना कठिन नहीं है इसलिए सरकार सभी निर्धारतियों से आग्रह करती है कि व्यापार सुविधाएं जारी रखने के लिए वे समय पर और सही सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर का भुगतान करें।