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Monday 17 February 2014 07:13:10 PM
नई दिल्ली। कांग्रेस की यूपीए सरकार ने महंगाई मंदी और भ्रष्टाचार से जूझ रहे भारत में लोकसभा चुनाव तक जनता के लिए राजकोष खोल दिया है। विनिर्माण क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए कार तथा स्कूटर सस्ते कर दिए हैं। मोबाईल हैंडसेटों पर उत्पाद शुल्क में भी रियायती फेरबदल कर दिया है। इसी तर्ज पर साबुनों तथा रंगीन रसायनों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सीमा-शुल्क ढांचे को युक्ति संगत बनाया गया है और करेंसी नोटों के मुद्रण के लिए प्रतिभूति कागज के उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कौन ऐसा क्षेत्र बचा है, जिसमें वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने राजकोष की उदारता न दिखाई हो? अर्थात सभी को राहत का झुनझुना दिया है। ध्यान रहे कि इन सब रियायतों की केंद्र में अगली सरकार समीक्षा करेगी और देश के जो आर्थिक हालात हैं, वे कोई आशावादी नहीं हैं, इसलिए देश की अगली सरकार की बड़ी मजबूरी होगी कि वह इन रियायतों के दरवाजे बंद करे, इसलिए जनता आम चुनाव के बाद खाल खींच लेने वाले पूर्ण बजट का सामना करने के लिए तैयार रहे। चिदंबरम के अंतरिम बजट से देश में यह संदेश भी गया है कि कांग्रेस ने अपनी हार स्वीकार कर ली है और यह बजट कांग्रेस को वोट के लिए अंतिम सम्मोहन हथियार है। सबसे बड़ा सवाल है कि अंतरिम बजट में राजकोष पर दबाव बनाने की क्या मजबूरी है? इससे लगता है कि अब कांग्रेस गठबंधन की केंद्र में वापसी असंभवहै।
आइए अब केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम का लोकसभा में पेश अंतरिम बजट देखें, जिसमें उन्होंने आज बड़े उत्साह से अप्रत्यक्ष करों की दरों में परिवर्तन की घोषणाएं की हैं। संसद में 2014-14 का अंतरिम बजट पेश करते हुए चिदंबरम ने कहा कि वह परिपाटियों को ध्यान में रखते हुए कर कानूनों में परिवर्तन की घोषणा नहीं कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान आर्थिक स्थिति कुछ आवश्यक हस्तक्षेप की मांग करती है, जिनके लिए नियमित बजट तक नहीं रूका जा सकता है, विशेषकर विनिर्माण क्षेत्र को तत्काल प्रोत्साहन देने की जरूरत है। वित्तमंत्री ने बताया कि पूंजीगत वस्तुओं और उपभोक्ता वस्तुओं में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए तीस जून 2014 तक की अवधि के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम की अनुसूची के अध्याय 84 और अध्याय 85 के तहत आने वाली सभी वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन दरों की समीक्षा नियमित बजट पेश करते समय की जायेगी। अप्रत्याशित नकारात्मक वृद्धि दिखा रहे ऑटो मोबाइल उद्योग को राहत देने के लिए वित्तमंत्री ने तीस जून तक की अवधि के लिए छोटी कार, मोटर साईकल, स्कूटर तथा वाणिज्यिक वाहनों से 12 प्रतिशत से 8 प्रतिशत तक उत्पाद शुल्क घटा दिया है। एसयूवी से 30 प्रतिशत से 24 प्रतिशत, बड़ी तथा मझौली कारों पर 27/24 प्रतिशत से 24/20 प्रतिशत और चेसिस तथा ट्रेलरों पर भी उत्पाद शुल्क में कटौती की गई है।
मोबाइल हैंडसेटों के घरेलू उत्पाद को प्रोत्साहित करने तथा आयात पर निर्भरता कम करने के लिए वित्तमंत्री ने सभी श्रेणियों के मोबाइल हैंडसेटों के लिए उत्पाद शुल्क की नई दरों का प्रस्ताव किया है। ये दरें सेनवेट क्रेडिट के साथ 6 प्रतिशत और बिना सेनवेट क्रेडिट के एक प्रतिशत होगी। साबुनों और रंगीन रसायनों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए भी वित्तमंत्री ने गैर-खाद्य ग्रेड के औद्योगिक तेलों तथा वसिय अल्कोहलों पर सीमा-शुल्क ढांचे को युक्ति संगत बनाकर 7.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। निर्दिष्ट सड़क निर्माण मशीनरी के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वित्तमंत्री ने ऐसी आयातित मशीनों पर लगने वाली सीवीडी से छूट समाप्त करने का प्रस्ताव किया है। करेंसी नोटों के मुद्रण के लिए प्रतिभूति कागज के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बैंक नोट पेपर मिल इंडिया प्राईवेट लिमिटेड द्वारा आयातित पूंजीगत माल पर 5 प्रतिशत रियायती सीमा शुल्क का प्रस्तावित किया गया है। अंतरिम बजट 2014-15 में योजना व्यय 5,55,322 करोड़ रूपए तथा गैर-योजना व्यय 12,07,892 करोड़ रूपए होने का अनुमान है।
पी चिदंबरम ने दावा किया कि चालू वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत का वित्तीय घाटा और 3.3 प्रतिशत राजस्व घाटा होने से स्थिति संतोषजनक रहेगी। वर्ष 2014-15 में वित्तीय घाटा और राजस्व घाटा क्रमश: 4.1 प्रतिशत और 3 प्रतिशत रहेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि दुनिया की अन्य उभरती हुईं अर्थव्यवस्थाओं की तरह 2012 और 2013 भारत के लिए भी संकट के वर्ष रहे हैं, वित्तमंत्री के पद पर वापस आते ही उनका मुख्य लक्ष्य राजकोषीय समेकन, मूल्य स्थिरता, अनाज में आत्मनिर्भरता, आर्थिक वृद्धि को फिर से पटरी पर लाना, विनिर्माण को प्रोत्साहन देना, निर्यात में वृद्धि और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाना था, सरकार पेट्रोलियम, विद्युत, कोयला, राजमार्ग और कपड़े जैसे तनावगस्त क्षेत्रों के लिए सम्यक और व्यावहारिक समाधान तलाशना चाहती है। वित्तमंत्री ने यूपीए सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और सरकार के कुछ निर्णयों को तो ऐतिहासिक बताया। उन्होंने अनुसूचीत जनजातियों और अन्य पारंपरिक अधिनियम के अधीन 18.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के 12.8 लाख भूमि पट्टे, भूमि अर्जन उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार, पुनर्वास और पुर्नस्थापन अधिनियम 1.1.2014 को अधिसूचित करना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 1956 के पुराने कानूनों की जगह नया कंपनी अधिनियम, नई पेंशन प्रणाली के लिए पेंशन विधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम पारित करना, यूपीए सरकार के ऐतिहासिक निर्णय बताए हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था
वित्तमंत्री ने कहा कि सितंबर 2008 से ही विश्व अर्थव्यवस्था विकासशील देशों का भाग्य निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभा रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैश्विक जोखिमों के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि विश्व आर्थिक विकास दर 2011 में 3.9 प्रतिशत, 2012 में 3.1 प्रतिशत तथा 2013 में 3.0 प्रतिशत रही। भारत के प्रमुख व्यापारिक भागीदारों, जो हमारे विदेशी पूंजी अंतर्वाहों का एक प्रमुख स्रोत भी हैं, में संयुक्त राज्य अमरीका हाल ही में मंदी के एक लंबे दौर से गुजरा है, जापान सरकार के प्रोत्साहनों से वहां की अर्थव्यवस्था में अच्छे संकेत हैं। कुल मिलाकर संपूर्ण यूरोपीय क्षेत्र में 0.2 प्रतिशत के विकास की सूचना है और चीन की विकास दर 2011 में 9.3 प्रतिशत से घटकर 2013 में 7.7 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने बताया कि ग्लोबल रिस्क 2014 रिपोर्ट में 31 वैश्विक जोखिमों की बात कही गई है, इनमें से दस सबसे बड़े जोखिमों में राजकोषीय संकट, संरचनात्मक उच्च बेरोज़गारी या आंशिकी बेकारी, आय असमानता, अभिशासन विफलता, खाद्य संकट और राजनीतिक एवं सामाजिक अस्थिरता हैं। जिन चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं, वे सभी उभरती हुई अर्थ व्यवस्थाओं में सामान्य हैं।
पी चिदंबरम का बजट फोकस मनमोहन सरकार के दोनों कार्यकालों पर केंद्रित था। उन्होंने नीतिगत ठहराव की दलील को खारिज करते हुए यूपीए सरकार की‘असाधारण’ वृद्धि रिपोर्ट को प्रस्तुत किया और उठाये जाने वाले 10 प्रमुख कदमों के साथ भविष्य की दृष्टि पेश की। वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.1 प्रतिशत पर रखने तथा रक्षाकर्मियों के लिए एक रैंक, एक पेंशन की पुरानी मांगों को स्वीकार करना, उनके अंतरिम बजट के प्रमुख आकर्षण हैं। वित्तमंत्री ने सरकार के 2013-14 में लिये गये प्रमुख निर्णयों का भी उल्लेख किया। इनमें चीनी को नियंत्रण मुक्त करना, डीजल की कीमतों में चरणबद्ध तरीके से सुधार, रेल भाड़ों को युक्तिसंगत बनाना, नये बैंकों के लिए लाईसेंस जारी करने की प्रक्रिया तथा डिस्कॉम को नया ढांचा देना शामिल है। पी चिदंबरम ने कहा कि 2013-14 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट को काबू में कर लिया जायेगा और दूसरी तिमाही में वृद्धि चक्र बदलेगा होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 2013-14 की तीसरी तथा चौथी तिमाही में कम से कम 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर रहेगी। वित्तमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार की पिछले 10 वर्षों की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि पिछले 33 वर्षों की 6.2 प्रतिशत की वृद्धि से ऊपर है। यूपीए-एक में यह वृद्धिदर 8.4 प्रतिशत थी, जबकि यूपीए-दो में 6.6 प्रतिशत। वर्ष 2014-15 में अनुमानित योजना व्यय 5,55,322 करोड़ रूपये है। यह लगभग पिछले वर्ष के बराबर है। गैर-योजना व्यय में मामूली वृद्धि की गई है और यह 12,07,892 करोड़ रूपये अनुमानित है। वर्ष 2013-14 के लिए वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 4.6 प्रतिशत पर नियंत्रित कर लिया जायेगा और 2014-15 में यह 4.1 प्रतिशत होगा।
वित्तमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में तेज वृद्धि के उदाहरण भी दिये। भारत ने 10 वर्ष पहले 213 मिलियन टन उत्पादन की तुलना में 263 मिलियन टन का अनाज उत्पादन किया। शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार का व्यय बढ़कर 79,451 करोड़ रूपये हो गया है, जबकि यह 10 वर्ष पहले 10,145 करोड़ रूपये था। वित्तमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भी इसी प्रकार 7,248 करोड़ रूपये की तुलना में 36,322 करोड़ रूपये की वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 में कृषि क्षेत्र ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। कृषि निर्यात के 45 बिलियन डॉलर पार कर जाने की संभावना है। कृषि ऋण 7,00,000 करोड़ रूपये के लक्ष्य को पार कर 7,35,000 करोड़ रूपये होने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष में कृषि में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि मर्चेंडाईज़ निर्यात 2013-14 में 6.3 प्रतिशत बढ़कर 326 बिलियन डॉलर हो गया है। देश में 8 राष्ट्रीय निवेश तथा विनिर्माण क्षेत्रों की घोषणा की गई है तथा अन्य 5 को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।
यूपीए सरकार के प्रमुख प्रस्तावों की घोषणा करते हुए वित्तमंत्री ने बताया कि सरकार ने रक्षा बलों के लिए एक रैंक एक पेंशन के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया है। इसके लिए 500 करोड़ रूपये आबंटित किये गये हैं। कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 8,00,000 करोड़ रूपये कर दिया गया है। कृषि ऋणों पर 4 प्रतिशत ब्याज दर लागू है, इसमें ब्याज सहायता तथा तुरंत भुगतान शामिल है। रक्षा आबंटन 10 प्रतिशत बढ़ाकर 2,24,000 करोड़ रूपये कर दिया गया है। इकतीस मार्च 2009 तक लिए गए सभी शिक्षा ऋणों पर रोक की अवधि का प्रस्ताव है, इसमें ब्याज बोझ में कमी से लगभग 9 लाख ऋण लेने वाले विद्यार्थियों को लाभ होगा, इसके लिए 2,600 करोड़ रूपये का आबंटन किया गया है। सरकार निर्भया कोष के लिए 1,000 करोड़ रूपये और देगी। यह पहले दी गई 1,000 करोड़ रूपये की राशि से अलग होगी। पूर्वोत्तर राज्यों, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड को 1,200 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता दी जा रही है। अंतरिम बजट में दो सौ करोड़ रूपये की प्रारंभिक पूंजी के साथ अनुसूचित जातियों के लिए उद्यम पूंजीकोष स्थापित करने का प्रस्ताव है। चार सौ जिलों में लागू किये जा रहे आईसीडीएस को नया रूप देते हुए इसे देश के शेष जिलों में भी लागू किया जायेगा। युवाओं के कौशल विकास में सफलता को देखते हुए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम को 1,000 करोड़ रूपये देने का प्रस्ताव है।
वित्तमंत्री ने कहा कि जो मंत्रालय या विभाग यूपीए सरकार के मुख्य फ्लैगशिप कार्यक्रम लागू कर रहे हैं, उन सभी को पर्याप्त निधियां आवंटित की गई हैं। चिदंबरम ने कहा कि वर्ष 2014-15 के लिए आयोजना व्यय के वास्ते 5,55,322 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिए 88,202 करोड़ आवंटित किये गए हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिए 67,398 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए 33,725 और महिला तथा बाल विकास मंत्रालय के लिए 21,000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विदेशों में मौजूद दर्जनों अवैध खातों की जानकारी प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है और बहुत से मामलों में भी अभियोजन शुरू किये गये हैं। उनका कहना था कि विदेशों में मौजूद अवैध खातों पर संबंधित देशों से साक्ष्य मिलने में आने वाली कई बाधाओं के बावजूद, केंद्र सरकार ने 67 मामलों में वैकल्पिक तरीकों और विशेष प्रयासों के माध्यम से सूचना प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है। चिदंबरम ने कहा कि कर देयता को निर्धारित करने के साथ-साथ जुर्माना लगाने संबंधी कार्रवाई भी जारी है, 17 मामलों में जानबूझकर कर चोरी करने वालों पर अभियोजन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अल्पसंख्यकों को 66,500 करोड़ रूपये के ऋण दिये गए हैं। पी चिदंबरम ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदायों को दिये जाने वाले ऋण वर्ष 2004-05 के 4,000 करोड़ रूपये से बढ़कर वर्ष 2013-14 में 66,500 करोड़ रूपये हो गए हैं। चिदंबरम ने कहा कि 10 वर्ष पहले देश के 121 जिलों में अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों के 14,15,000 बैंक खाते थे, जबकि मार्च 2013 के अंत में उनके 43,52,000 बैंक खाते थे। पूरे देश में दिसंबर 2013 के अंत तक अल्पसंख्यकों को 211,451 करोड़ रूपये के ऋण दिये गये।
वित्तमंत्री ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाएं 66 कार्यक्रमों के रूप में पुनः बनायी गयी हैं तथा राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को दी जाने वाली सहायता बजट अनुमान 2013-14 में आवंटित 1,36,254 करोड़ रुपये से काफी बढ़कर 2014-15 में 3,38,562 करोड़ रुपये हो जाएगी। चिदंबरम ने सदन को बताया कि 2013-14 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में पूंजी व्यय 2,57,641 करोड़ रुपए का नया रिकार्ड हासिल करेगा। वर्ष 2013-14 के लिए रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए वित्तमंत्री ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान सरकार की विभिन्न आर्थिक पहल की जानकारी दी। लगभग 50,000 मेगावाट तापीय एवं पन विद्युत क्षमता का निर्माण कार्य चल रहा है। करीब 78,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लिए कोयला आपूर्ति का आश्वासन दिया गया। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति को उदार बनाया गया। दो सेमी-कंडक्टर वैफर फैब यूनिटों को स्थापित करने का अनुमोदन किया गया। करीब 4,999 करोड़ रुपये के परिव्यय से डाक विभाग की सूचना प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण परियोजना है। कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र यूनिट 1 ने महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। इससे 180 मिलियन यूनिट विद्युत आपूर्ति हो रही है। कलपक्कम स्थित 500 मेगावाट प्रोटोटाइप फास्ट ब्रिडर रिएक्टर पूरा होने वाला है।
बजट में निर्यात वर्ष 2013-14 के दौरान निर्यात में 6.3 प्रतिशत वृद्धि, रक्षा आवंटन का 10 प्रतिशत बढ़ाया जाना, राष्ट्रीय कौशल अधिप्रमाणन और आर्थिक पुरस्कार योजना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का आधुनिकीकरण, सार्वजनिक क्षेत्र की गैर-जीवन बीमा कंपनियों के 10,000 अथवा उससे ज्यादा की जनसंख्या वाले कस्बों में 1,849 कार्यालय खोले जाना, पूर्वोत्तर राज्यों, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए 1,200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता, शिक्षा ऋण, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए राज्यों को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी लगाने के लिए 11,200 करोड़ रूपयों का प्रावधान, भारत 2043 तक तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था, 2014-15 में अनेक फ्लाईट परीक्षणों, नेविगेशनल उपग्रहों और अंतरिक्ष मिशनों की योजना का जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान कृषि की सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अंतरिम बजट पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं।