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Wednesday 19 February 2014 06:30:40 PM
नई दिल्ली। भारत और अमरीका पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों और इन संगठनों से जुड़े आतंकवादियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हो गए हैं। यह सहमति दोनों देशों के बीच एफएटीएफ पूर्ण बैठकों के अतिरिक्त हुए द्वीपक्षीय विचार-विमर्श की रुपरेखा के अंतर्गत हुई। दोनों देशों के बीच अक्तूबर 2013 में द्वीपक्षीय बैठक हुई और दोनों इस बात पर सहमत हो गए कि जाली मुद्रा और गैर कानूनी वित्तीय लेन-देन के खिलाफ भारत और अमरीका की कंपनियों के बीच सहयोग स्थापित किया जाए।
लोकसभा में गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने एम आनंदन के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि अवैध धन, गैर-कानूनी तरीके से नकदी के लेन-देन, वित्तीय जालसाजी और जाली मुद्रा के बारे में एक उपसमूह का गठन किया गया है, जो सूचना के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण और तकनीकी, अनुसंधान सहयोग पर कार्य कर सके। अमरीका और भारत की एजेंसियां एफआईसीएन के उत्पादन में सामग्री और प्रोद्योगिकी के स्रोत का पता लगाने के लिए मिल कर काम कर रही हैं। वित्तीय गुप्तचर यूनिट-भारत और अमरीका की फिन सेन ने मार्च 2010 में सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए ही थे।