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Wednesday 26 February 2014 08:27:34 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आयुर्विज्ञान संस्थान की आधारशिला के अवसर पर कहा कि यह आयुर्विज्ञान संस्थान (कैपफिम्स) उस आवश्यकता को पूरा करेगा, जो लंबे समय से महसूस की जा रही थी, यह उन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के परिवारों के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करेगा, जो अपना अधिकांश समय अपनी दुष्कर और दूभर जिम्मेदारियां पूरी करने के लिए घर से दूर रहते हैं, इसके फलस्वरूप इन बलों का कामकाज अत्यधिक नैतिक एवं अधिक दक्ष बनेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संस्थान से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को बेहतरीन संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है, हम जानते हैं कि इन बलों के पुरुष और महिलाएं बहुत विपरीत दशाओं में प्रायः अपने जीवन को जोखिम में डालकर काम करते हैं, वे देश के कुछ बेहद मुश्किल स्थानों में तैनात रहते हैं, जिनमें वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्य, पूर्वोत्तर राज्य और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स, पाकिस्तान, चीन, पनेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमा से लगी हमारी 15000 किलोमीटर से अधिक लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं और नियंत्रण रेखा की रक्षा करते हैं तथा सीमा पार अपराधों को भी रोकते हैं, सीआरपीएफ कानून और व्यवस्था कायम रखने और आंतरिक व्यवधानों एवं विद्रोह को नियंत्रित करने में मदद करती है, सीआइएसएफ परमाणु बिजलीघरों, अंतरिक्ष ठिकानों, हवाई अड्डों, मिंट, मुद्रा नोट प्रेस, तेल क्षेत्रों और रिफायनरी एवं प्रमुख बंदरगाहों सहित देशभर की 300 से अधिक इकाइयों को सुरक्षा उपलब्ध कराती है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में अब 9 लाख से अधिक कर्मचारी हैं, सरकार ने इन बलों में 126 अतिरिक्त बटालियनों की मंजूरी दी है, जिनमें से 71 बटालियन बनाई जा चुकी हैं तथा शेष वर्तमान वित्तीय वर्ष में बनने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हमने बुनियादी ढांचे और इमारत क्षमता मजबूत करने पर भी ध्यान दिया है, बारहवीं योजना के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बुनियादी ढांचा मजबूत करने के लिए 12,500 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च की जाएगी, वर्ष 2008 से इन बलों के लिए 24 नए प्रशिक्षण संस्थानों की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बलों के लिए मेडिकल काडर को 2004 में नया रूप दिया गया था, ताकि बलों के कर्मियों और उनके परिवारों को दूरदराज के क्षेत्रों में तैनाती पर भी न्यूनतम बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके, 6 पुराने अस्पतालों को उन्नत बनाकर 100 बिस्तर वाले कंपोजिट अस्पताल बनाए गए तथा 32 पुराने अस्पतालों को 50 बिस्तर वाले कंपोजिट अस्पताल बनाए गए हैं, ताकि विशेष इलाज उपलब्ध कराया जा सके, दो सौ बिस्तर का रैफरल अस्पताल नोएडा में निर्माणाधीन है तथा इस वर्ष के आखिर तक चालू होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संस्थान 1350 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होगा तथा इसमें 500 बिस्तर वाला सामान्य अस्पताल, 300 बिस्तर वाला सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, नर्सिंग कालेज और स्कूल ऑफ पैरामैडिक्स शामिल होंगे। इससे न सिर्फ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों और उनके परिवारों के लिए क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल में सुधार होगा, बल्कि उनकी जरूरतों से पूरी तरह परिचित डॉक्टर, पैरामैडिकल स्टाफ एवं नर्स उपलब्ध कराने के जरिए उन्हें उपलब्ध अन्य मेडिकल सुविधाओं को सुधारने में भी योगदान मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुझे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आयुर्विज्ञान संस्थान के जल्द से जल्द संभव समय में निर्माण होने और कामकाज शुरू होने की उम्मीद है, हमारे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल उससे कम के हकदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्र को उपलब्ध कराई गई केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की सेवाओं के लिए आभारी हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।