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'एशिया में विकास के लिए स्‍थिरता जरूरी'

प्रधानमंत्री देशों की शीर्ष बैठक के लिए म्‍यांमार पहुंचे

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Tuesday 4 March 2014 02:57:42 AM

pm manmohan singh and  president of myanmar u thein sein,

नई दिल्‍ली/ ने पाई तॉ। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बीआईएमएसटीईसी शीर्ष बैठक में शामिल होने के लिए म्‍यांमार पहुंच गए। म्‍यांमार रवाना होने से पहले भारत में जारी एक प्रेस वक्‍तव्‍य में उन्‍होंने कहा कि बीआईएमएसटीईसी देशों में शांति, स्थि‍रता और विकास जरूरी है, तभी कुल मिलाकर एशिया आगे बढ़ सकेगा, क्‍योंकि इस क्षेत्र में दुनिया की 20 प्रतिशत से अधिक आबादी रहती है और यहां का सकल घरेलू उत्‍पाद 2.5 खरब अमरीकी डॉलर से अधिक है। उन्‍होंने कहा कि म्‍यांमार के ने पाई तॉ में आयोजित तीसरी बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्‍टी सेक्‍टोरल टैक्‍नीकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बीआईएमएसटीईसी) सम्‍मेलन सार्क और आसियान देशों के चौराहे पर स्थित है, इसे बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों से प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है, संपर्क व्‍यापार तथा निवेश, ऊर्जा जलवायु की चुनौतियां, जिनमें प्राकृतिक और मानव‍कृत चुनौतियां शामिल हैं, के कारण हमें इनका सामना करने के लिए दृढ़ निश्‍चय और सामूहिक दूरदृष्टि की जरूरत होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीआईएमएसटीईसी नई दिल्‍ली में 2008 की बैठक के बाद एक समूह के रूप में परिपक्‍व विचारों के साथ विकसित हुआ। ढाका में इसका स्‍थायी सचिवालय बनाया गया है और वहां पर महासचिव की नियुक्ति की गई है। अब यह संगठन क्षेत्रीय अखंडता और सहयोग में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की स्थिति में आ गया है। इस क्षेत्र में कई बीआईएमएसटीईसी केंद्र खोले जा रहे हैं, जिनमें से तीन भारत में होंगे। इनके जरिए सदस्‍य देशों में अधिक तकनीकी आदान-प्रदान संभव होगा। उन्‍होंने कहा कि जहां तक सुरक्षा का सवाल है, हमने स्थिर रूप से इसके लिए ऐसे दस्‍तावेज तैयार कर लिये हैं, जिनके जरिए अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद, बहुराष्‍ट्रीय अपराध, नशीले पदार्थों का व्‍यापार और आपराधिक मामलों में एक-दूसरे की विधिक सहायता की जरूरत आज के अखंड विश्‍व में पहले ज्‍यादा पड़ रही है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि बीआईएमएसटीईसी सहयोग के जरिए हम जो कुछ कर रहे हैं, वो दुनिया वर्षों बाद करेगी और इस दिशा में इस शीर्ष बैठक को महत्‍वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए, बीआईएमएसटीईसी देशों के साथ हमारे आपसी संबंध पूरी दुनिया के लिए महत्‍वपूर्ण हैं। उन्‍होंने बताया कि इस शीर्ष बैठक से समय निकाल कर वे अन्‍य सदस्‍य राष्‍ट्रों के नेताओं के साथ विचारों का महत्‍वपूर्ण आदान-प्रदान करेंगे जो आपसी घनिष्‍ठ और दोस्‍ताना संबंधों के लिए महत्‍वपूर्ण होंगे। उन्‍होंने कहा कि मैं एक रचनात्‍मक यात्रा की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा हूं। 

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