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Friday 7 March 2014 02:23:11 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग ने स्पष्ट किया है कि हाल ही में मीडिया में झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जादूगुड़ा में यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के क्रियाकलापों से विकिरण के हानिकारक प्रभाव होने से संबंधित छपी कुछ खबरें काल्पनिक और भ्रामक हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। विभाग का कहना है कि इससे पहले भी समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इस क्षेत्र में यूसीआईएल के क्रियाकलापों से स्थानीय लोगों को विभिन्न बीमारियां होने संबंधी आई खबरें भी निराधार है।
यूसीआईएल परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत आने वाला भारत सरकार का एक जिम्मेदार संगठन है, जोकि अपने कर्मचारियों लोगों और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझता है। मीडिया की खबरों को देखते हुए यूसीआईएल ने क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी कुछ सर्वेक्षण कराये, इनमें से कुछ सर्वेक्षण बिहार सरकार और टाटा मेन अस्पताल, जमशेदपुर और मुंबई के बीएआरसी अस्पताल के डॉक्टरों के साथ मिलकर कराये गये। सर्वेक्षणों में शामिल दल का कहना है कि इस क्षेत्र में मौजूद बीमारियों का कारण विकिरण नहीं है।
सर्वेक्षणों के परिणामस्वरूप सामने आये अध्ययन से साफ हो जाता है कि यूसीआईएल के क्रियाकलापों का कर्मचारियों, स्थानीय लोगों या आस-पास के पर्यावरण पर कोई नुकसानदायक असर नहीं हुआ है। परमाणु ऊर्जा विभाग के क्रियाकलापों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित उपकरणों का ही इस्तेमाल किया जाता है।