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Friday 11 January 2013 05:18:50 AM
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के लिए सूखा सहायता जारी कर दी है, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से कर्नाटक को 526 करोड़ रूपये और महाराष्ट्र को 778 करोड़ रूपये दिये जाएंगे। कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति की बैठक हुई। समिति के अन्य सदस्य हैं-गृह मंत्री सुशील कुमार शिदे, वित्त मंत्री पी चिदंबरम और योजना आयोग के अध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया।
कर्नाटक को पिछले 24 महीनों में कई बार सूखे का सामना करना पड़ा, जिससे खरीफ 2011, रबी 2011-12 और खरीफ 2012 की फसलें प्रभावित हुईं। कर्नाटक के अनेक हिस्सों में जुलाई और अगस्त 2012 के दौरान मानसून की वर्षा नहीं होने के कारण भयंकर सूखा पड़ा। राज्य सरकार ने राज्य के 26 जिलों के 142 तालुकों में सूखा घोषित कर दिया और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए एक ज्ञापन दिया। एसएफएसी के प्रबंधन निदेशक प्रवेश शर्मा के नेतृत्व में एक अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दल ने खरीफ 2011 के दौरान सूखे की स्थिति का जायजा लेने के लिए 21 से 25 अगस्त 2012 के दौरान राज्य का दौरा किया और कृषि सचिव की अध्यक्षता में गठित अंतर मंत्रालयी समूह को अपनी सिफारिशें दी। आईएमजी ने 22.11.2012 को बैठक की और उसने उच्चस्तरीय समिति से सहायता की सिफारिश की।
महाराष्ट्र को पिछले 24 महीनों के दौरान कई बार सूखे का सामना करना पड़ा, जिससे खरीफ 2011, रबी 2011-12 और खरीफ 2012 की फसल पर असर पड़ा। महाराष्ट्र सरकार ने पहले 25 जिलों के 122 तालुकों में और इसके बाद 16 जिलों के 125 तालुकों में सूखा घोषित कर दिया। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए एक ज्ञापन दिया। संयुक्त सचिव आरबी सिन्हा के नेतृत्व में एक अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दल ने 21 से 23 नवंबर, 2012 के दौरान खरीफ 2012 की सूखे की स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्य का दौरा किया और कृषि सचिव की अध्यक्षता में गठित अंतर मंत्रालयी समूह को अपनी सिफारिशें दीं। आईएमजी की 21 दिसंबर को बैठक हुई और उसने उच्च स्तरीय समिति से सहायता की सिफारिश की।