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Friday 11 January 2013 05:20:15 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जनगणना 2011 में सराहनीय कार्य करने के लिए आज विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में जनगणना पदक प्रदान किये। राष्ट्रपति ने पदक विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि तर्क संगत फैसले प्रायोगिक आंकड़ों के आधार पर लिये जाने चाहिएं और आंकड़ों के लिए जनगणना एकमात्र स्रोत है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए गांव स्तर तक और शहरी क्षेत्रों के लिए वार्ड स्तर तक विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आंकड़े एकत्र करने के लिए जनगणना संगठन की अपनाई गई नवीनतम प्रौद्योगिकी से जनगणना के परिणाम देश के दूर-दराज के कोने तक सभी संबद्ध पक्षों को तुरंत मिल जायेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश में बहु-जातीय, बहु-भाषीय और बहु-सांस्कृतिक समाज की विविधता को देखते हुए जनगणना एक बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। जनगणना 2011 की विशेष बात यह है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की तैयारी के लिए कार्यसूची का प्रचार भी घर-परिवारों की जनगणना के कार्यक्रम के साथ किया गया। भारत में आजादी के बाद पहली जनगणना से ही यह परंपरा रही है कि जनगणना संगठन भारत के राष्ट्रपति के हाथों जनगणना कार्य में शामिल गणनाकारों, पर्यवेक्षकों, प्रभारी अधिकारियों आदि को जनगणना के दौरान प्रदर्शित उत्साह, कार्य की गुणवत्ता और कर्तव्य निष्ठा के लिए सम्मान स्वरूप रजत और कांस्य पदक तथा प्रमाण पत्र प्रदान कराए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में जनगणना कार्य की बहुत पुरानी और समृद्ध परंपरा रही है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र (321-296 ईसा पूर्व) और बाद में सम्राट अकबर के समय लिखी गई अब्दुल फज़ल की आइने अकबरी में इसका उल्लेख मिलता है, लेकिन नियोजित तरीके से आधुनिक जनगणना का कार्य 1881 में कराया गया। जनगणना 2011 स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की 7वीं जनगणना है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह कार्य कितना जटिल है, यह इस बात से पता चलता है कि जनगणना कार्यसूची को 16 भाषाओं में प्रचारित किया गया और 18 भाषाओं में प्रशिक्षण दिया गया। जनगणना के कार्य में 27 लाख गणनाकारों और पर्यवेक्षकों की 35 राज्यों, 640 जिलों, 5924 उप-जिलों, 7936 शहरों और 6.41 लाख गांवों में सेवाएं ली गईं। जनगणना 2011 की विशेष बात यह है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की तैयारी के लिए कार्यसूची का प्रचार भी जनगणना के कार्यक्रम के साथ किया गया।
प्रणव मुखर्जी ने कहा कि भारत एक मजबूत, आत्मनिर्भर और आधुनिक राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। जनगणना 2011 से मानव संसाधनों, जनगणना-स्वरूप, संस्कृति और आर्थिक स्थिति के बारे में प्राप्त बुनियादी आंकड़ों से न केवल नियोजकों, नीति निर्माताओं और अन्य सम्बद्ध पक्षों को चालू योजनाओं की सफलता का मूल्यांकन करने में सहायता मिलेगी, बल्कि भविष्य की विकास योजनाओं के लिए भी यह जानकारी मददगार होगी। जनगणना के आंकड़ों का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों, विद्वानों, कारोबारी लोगों, संस्थाओं और विशेष रूप से शोधकर्ताओं द्वारा व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। मुझे जनगणना के दौरान प्रदर्शित उत्साह, कार्य की गुणवत्ता और कर्तव्य निष्ठा के लिए जनगणना कार्य में शामिल कर्मियों को सम्मान स्वरूप जनगणना पदक और सम्मान पत्र देते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है।