स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 15 January 2013 09:12:23 AM
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि आत्म-नियमन आगे बढ़ने का उत्कृष्ट माध्यम है, लेकिन एक प्रक्रिया के रूप में इसे व्यापक और संतुलित होना चाहिए। उन्होंने मीडिया के संदर्भ में यह बात भारतीय जन संचार संस्थान के 45वें दीक्षांत समारोह में कही। वे बोले कि पत्रकारिता एवं पत्रकारिता प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण स्रोत बनने के लिए आईआईएमसी को प्रयास करना चाहिए, मीडिया में हो रहे बदलाव को ध्यान में रखते हुए इसे देश की मौजूदा वैधानिक परिद़ृश्य में विकसित होना है, यह मुद्दा चर्चा का मुख्य केंद्र होगा और समय-समय पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर आत्म-मंथन करना होगा।
मनीष तिवारी ने कहा कि देश-दुनिया में मीडिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जो नए ऑनलाइन मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों से हो रहा है, बदलाव इस रूप में परिलक्षित है कि सूचना, तकनीकी आधारित उपकरणों के जरिये पहुंच रही है। युवा महत्वाकांक्षी पत्रकारों खासकर वैसे पत्रकार जो व्यवसायिक मीडिया परिवेश में प्रवेश कर रहे हैं, उनके समक्ष जो चुनौती है, वह पारंपरिक प्रवृतियों के अनुकूल नवीन विचारधाराओं को अपनाने की है। मीडिया और मनोरंजन क्षेत्रों की विकास संभावनाओं को देखते हुए सूचना मंत्री ने छात्रों से एक क्षमतावान उद्यमी के कौशल को प्राप्त करने का आह्वान किया। यह महत्वाकांक्षी कदम युवाओं को पारंपरिक पेशे वाले रास्ते से बाहर निकलकर इस क्षेत्र में मौजूद विकास संभावनाओं के दोहन में मदद करेगा।
आईआईएमसी के बारे में मनीष तिवारी ने कहा कि हालांकि सरकार आईआईएमसी को उपाधि प्रदान करने वाले अधिकारों के साथ एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव को अंतिम रूप दे रही है, लेकिन पत्रकारिता एवं पत्रकारिता प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण स्रोत बनने के लिए आईआईएमसी को प्रयास करना होगा, इससे इसकी क्षमता में विस्तार होगा, इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उन्होंने संस्था से इसके भूतपूर्व छात्रों तक पहुंचने का आह्वान किया। उन्होंने छात्रों से पत्रकारिता के नये युग की सीमा निर्धारित करने वाले प्रमुख बिंदुओं के बारे में जानकारी रखने का आह्वान किया।
सूचना मंत्री ने मीडिया आकार, प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलाव, मीडिया की कार्यवाही में नैतिक मूल्यों की भूमिका, युवा पत्रकारों की अपनी-अपनी भूमिका तथा आत्म नियमन की आवश्यकता संबंधी विषयों का हवाला दिया। दीक्षांत समारोह के दौरान पत्रकारिता, विज्ञापन और जन संपर्क पाठ्यक्रमों से संबंधित 286 छात्रों को डिप्लोमा प्रदान किया गया। ये पाठ्यक्रम संस्थान के चार केंद्रों नई दिल्ली, ढ़ेकनाल, ऐजवल और अमरावती में चलाए जाते हैं।