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Tuesday 17 June 2014 09:33:57 PM
लखनऊ। एक आरटीआई सूचना का हवाला लें तो लखनऊ के जिलाधिकारी कार्यालय ने एक साल में 75 लाख की बिजली, 67 लाख का डीजल-पेट्रोल और 5 लाख टेलीफोन पर खर्च कर दिए हैं, इस तरह लखनऊ का जिलाधिकारी कार्यालय बड़ा महंगा साबित हो रहा है। यह कालखंड सपा सरकार के नेतृत्व के करीबी आईएएस अधिकारी अनुराग यादव का है, जिन्होंने जिलाधिकारी कार्यकाल लखनऊ में इस शाहखर्ची का यह शर्मनाक रिकार्ड बनाया है। आरटीआई कार्यकर्ता संजय शर्मा ने इस साल जनवरी में जिलाधिकारी कार्यालय को आवंटित बजट एवं व्यय की गई धनराशि की सूचना मांगी थी, जिसमें यह शाहखर्ची सामने आई।
कलेक्ट्रेट लखनऊ के प्रभारी अधिकारी नजारत की सूचना के अनुसार वित्तीय वर्ष 2012-13 में जिलाधिकारी लखनऊ के कार्यालय ने 75.10 लाख बिजली पर, 67.02 लाख डीजल-पेट्रोल वाहन अनुरक्षण पर और 34.45 लाख रुपए नए वाहन खरीदने पर खर्च कर दिए। यही नहीं जिलाधिकारी लखनऊ के कार्यालय ने एक साल में मजदूरी पर 4.45 लाख, कार्यालय व्यय पर 11.60 लाख, लेखन सामग्री पर 2.42 लाख, फर्नीचर पर 1.08 लाख, टेलीफोन पर 4.96 लाख और कंप्यूटर अनुरक्षण पर 1.41 लाख रुपए की भारी भरकम राशि खर्च की है। नौकशाहों द्वारा जनता के टैक्स के पैसों से ऐश करने के और भी मामले सामने आ रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता ने सबूत के तौर पर इस आरटीआई सूचना के दस्तावेजों की प्रतियां भी मीडिया को ईमेल की हैं।