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Monday 23 June 2014 07:50:46 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन प्रेक्षागृह में आज एक कार्यक्रम के दौरान हिंदुत्व पर विश्वकोश की एक प्रति ग्रहण की। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती को बधाई दी कि उन्होंने हिंदुत्व पर विश्वकोश तैयार करने का प्रयास किया। स्वामी चिदानंद सरस्वती भारत धरोहर अनुसंधान प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हिंदू धर्म का दर्शन धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष पर टिका है, जो कि मानव मात्र का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि जीव के अस्तित्व का मुख्य ध्येय इन उद्देश्यों के जरिए मानव व्यवहार में एक संतुलन स्थापना बताया गया है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदुत्व सिर्फ एक विश्वास नहीं है, यह विवेक बुद्धि और अंर्तज्ञान का सम्मिलन है, जिसे परिभाषित नहीं किया जा सकता, सिर्फ महसूस किया जा सकता है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हिंदुत्व की मूल भावना सबके लिए खुशी, सेहत और ज्ञानोदय है और किसी के लिए भी दु:ख, पीड़ा और संताप नहीं है। उन्होंने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा-'यदि मुझे हिंदू संप्रदाय को परिभाषित करने के लिए कहा जाए तो मैं साफ साफ कहूंगा: अहिंसक तरीके से सत्य की खोज करें, एक पुरूष भगवान पर भरोसा नहीं कर सकता है और तब भी खुद को हिंदू कहता है, हिंदुत्व सत्य के बाद अनवरत तलाश है...हिंदुत्व सत्य का धर्म है, सत्य ही भगवान है।'
कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, केंद्रीय विधि एवं न्याय, संचार एवं तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरूद्धार मंत्री उमा भारती, आरोविले फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ कर्ण सिंह और टेरी के महानिदेशक डॉ आरके पचौरी भी उपस्थित थे। धार्मिक प्रतिनिधियों में डॉ आचार्य लोकेश मुनि, दिल्ली के आर्क विशप फादर अनिल जोस थॉम्स काउंटो, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना डॉ कब्ले सादिक, स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त के मुख्य जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह और साध्वी भगवती सरस्वती कार्यक्रम में उपस्थित थीं।