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केबल टीवी क्षेत्र में भी संशोधन की तैयारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 18 January 2013 08:05:51 AM

नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केबल टीवी संचालकों, मल्‍टी सेटेलाईट ऑपरेटरों के स्‍तर पर संचालित किए जाने वाले स्‍थानीय चैनलों या भू-स्थित चैनलों के प्रसारण से संबंधित मुद्दों पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण-ट्राई से राय मांगी है। ट्राई से इस संदर्भ में मंत्रालय ने पूछा है कि क्‍या स्‍थानीय चैनलों के लिए एक व्‍यापक प्रक्रिया स्‍थापित करने की आवश्‍यकता है, जिसमें उनकी पंजीकरण प्रणाली, योग्‍यता, शुल्‍क और इन चैनलों के लिए नियम और शर्तें हों। इसमें स्‍‍थानीय या भू-स्थित चैनलों की परिभाषा तथा उनके संचालन क्षेत्र के बारे में भी राय मांगी गई है।
ट्राई को भेजे संदर्भ में मंत्रालय ने डिजिटल एड्रेसेबल सिस्‍टम (डीएएस) के दौर में केबल ऑपरेटर के स्‍तर पर प्रसारित किए जाने वाले स्‍थानीय चैनलों के मुद्दे पर उसकी राय मांगी है। ट्राई ने 25 जुलाई 2008 को दी गई अपनी सिफारिशों में अन्‍य बातों के अलावा कहा था कि स्‍थानीय चैनल संचालक/एलसीओ को भू-आधारित चैनलों को प्रसारित करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि मौजूदा डीएएस के दौर में मल्‍टी सेटलाईट ऑपरेटरों द्वारा सिर्फ डिजिटल सिग्‍नल ही केबल नेटवर्क पर चलाए जा सकते हैं। मंत्रालय ने इस संदर्भ में ट्राई से यह भी जानकारी मांगी है कि क्‍या एकल मल्‍टी सेटेलाईट ऑपरेटर/केबल ऑपरेटर द्वारा संचालित किए जा रहे भू-स्थित चैनलों को सीमित किया जा सकता है।
ट्राई से यह भी पूछा गया है कि क्‍या केबल ऑपरेटरों द्वारा स्‍थानीय खबर और समसामयिक मुद्दों के प्रसारण के लिए अलग मानदंड निर्धारित करने की आवश्‍यकता है। ऐसे चैनलों के‍ लिए मानदंड तथा विदेशी निवेश का स्‍तर सहित नियम और शर्तें, शुद्ध संपत्ति तथा सुरक्षा संबंधी मंजूरी के बारे में भी विशेष सिफारिशें मांगी गई हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय काफी समय से केबल टीवी संचालकों द्वारा चलाए जाने वाले स्‍थानीय चैनलों के बारे में नियामक ढांचा तैयार करने की आवश्‍यकता महसूस कर रहा था। पूरे देश में चरणबद्ध रूप से केबल टीवी डिजिटीकरण के अमल को देखते हुए इसका महत्‍व और भी बढ़ गया है।

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