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Tuesday 26 August 2014 02:23:02 PM
नई दिल्ली। भारतीय व्यापार सेवा के आठ प्रशिक्षुओं और 20 अधिकारियों के एक समूह ने 25 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। इन अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव हुये हैं, सभी समय के लिए किसी नीति को प्रासंगिक नहीं माना जा सकता है, वही प्रणाली मजबूत होती है, जो बदलते समय के साथ बदलाव के प्रति लोचशील हो, इसलिए हमारी नीतियां ऐसी होनी चाहिएं, जो अर्थव्यवस्था में लोचशीलता और मजबूती लाने में मददगार हों, ताकि हमारी अर्थव्यवस्था का विकास हो। भारतीय विदेश व्यापार संस्थान, नई दिल्ली में फिलहाल भारतीय व्यापार सेवा आठ प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि 20 अधिकारी देश के विभिन्न हिस्से में कार्यरत हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्षों में विदेश व्यापार की भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत की विदेश व्यापार नीति में निर्यात पर मुख्य रूप से लगातार जोर दिया जा रहा है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) में ई-गवर्नेंस में वृद्धि और खुद डीजीएफटी की बदलती भूमिका के कारण अधिकारियों को अब व्यापार सुविधा प्रदाताओं के रूप में काम करना होगा, न कि केवल नियामकों के रूप में। इन योजनाओं के माध्यम से प्रत्येक चरण में व्यापार सुविधाओं को पूरा करना होगा, जिसमें किसी योजना की रूपरेखा तैयार करने से लेकर इन योजनाओं के माध्यम से निर्यातकर्ताओं को लाभ प्रदान करना शामिल है। व्यापार सुविधा प्रदाताओं के रूप में भारतीय व्यापार सेवा के अधिकारी हमारी आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होंगे।