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Sunday 20 January 2013 08:20:41 AM
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार का डीज़ल की क़ीमत भी नियंत्रण-मुक्त करना, इसे तेल कंपनियों के हवाले करके इसके दामों में लगातार वृद्धि की छूट प्रदान करना है, जोकि घोर-जनविरोधी क़दम है, इससे आम जन-जीवन काफी ज्यादा प्रभावित होगा, रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति को युक्तिसंगत एवं न्यायपूर्ण बनाते हुए प्रतिमाह एक सिलेंडर अर्थात् एक साल में कम-से-कम 12 सिलेंडर अवश्य ही दिए जाने चाहिएं। एक बयान में उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों को अपने मनमाने ढंग से दाम बढ़ाते रहने की नीतिगत स्वीकृति देकर एक घोर व अत्यंत दुःखदायी कार्य किया है, जिसका ग़रीब एवं मध्यम वर्ग तथा किसान-मज़दूर पर बुरा असर पड़ेगा, इस निर्णय के बारे में केंद्र सरकार को जरूर पुर्नविचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा केंद्र सरकार ने जहां तक रसोई गैस सिलेंडर की आम सप्लाई सीमा सालाना 6 से बढ़ाकर 9 की है, तो यह निर्णय भी पूरे तौर से उचित व न्यासंगत नहीं है, क्योंकि प्रतिमाह एक गैस-सिलेंडर की सामान्य तौर पर आपूर्ति नहीं करना, वास्तव में करोड़ों लोगों पर एक प्रकार से सरकारी ज़्यादती है, इसलिए केंद्र सरकार साल में कम-से-कम 12 सिलेंडर की सप्लाई दे। केंद्र सरकार की ईंधन व ऊर्जा नीति से यह साबित होता है कि यूपीए सरकार देश की घरेलू अर्थव्यवस्था को पिछले युग में ले जाकर पर्यावरण संतुलन को भी बिगाड़ कर देश को कमजोर करने पर उतारू है। इस महंगाई के कारण देश में ख़ासकर ग्रामीण जनता अपने ईधन आदि की आवश्यकता के लिए अगर पुराने तौर-तरीकों को अपनाने के लिए मजबूर होती है, तो फिर इसका देश के पर्यावरण पर जरूर ही बुरा प्रभाव पड़ेगा।
मायावती ने कहा कि अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने सभी दर्जे के रेल किराये में काफी ज्यादा वृद्धि कर आम लोगों के लिए सफर को और बोझ बना दिया है, इससे स्पष्ट हो जाता है कि कांग्रेस का हाथ अब सही मायने में देश के ग़रीब व आम आदमी के साथ नहीं है, बल्कि कांग्रेस वास्तव में पूरे तौर से बड़े-बड़े पूंजीपतियों के साथ है, जब से केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी है, तबसे इस सरकार ने अधिकतर मामलों में ऐसे ही जन विरोधी निर्णय लिये हैं। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी है कि वह जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दों, देश की कानून-व्यवस्था, देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने, सर्वसमाज की उपेक्षा पर कांग्रेस के चिंतन शिविर में गंभीरता से चिंतन करे, वरना देश की जनता होने वाले लोकसभा के आम चुनाव में इन सब मामलों का संज्ञान लेगी।