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Saturday 4 October 2014 05:43:14 AM
पटना। पटना का गांधी मैदान आज खून से लथपत है। दशहरा में रावण का पुतला फुंक जाने के बाद जब भीड़ गांधी मैदान से अपने घर लौटने की तैयारी में थी, तब भीड़ के कानों से एकाएक कोई अफवाह टकराई, फिर क्या था, लोग महिलाएं बच्चे बदहवासी में गांधी मैदान के गेट से भागने लगे और भगदड़ में लाशें बिछतीं गर्इं। एक मुंह सौ बातें हैं, कहने वाले कुछ का कुछ कह रहे हैं। कुछ यह भी कह रहे हैं कि यह कुछ और नहीं बल्कि बिहार में नरेंद्र मोदी की महारैली में बम विस्फोटों की विफलता की यह खूनी खीज है, बस उसका तरीका बदल दिया गया है। सबको मालूम था कि रावण दहन में कौन लोग मौजूद होंगे। बहरहाल इन लाशों पर बिहार चुनाव की राजनीति भी शुरू हो गई है। यह घटना बिहार सरकार की शर्मनाक विफलता मानी जा रही है, फिर भी सरकार के सहयोगी बेशर्म नेता दूसरे आरोप लगाने में जुट गए हैं। इस भगदड़ में मरने वालों की संख्या 33 के पार चली गई है। केंद्र सरकार और बिहार सरकार ने मुआवजे और घटना की जांच का ऐलान कर दिया है।
दशहरा में भगदड़ से लोगों में गुस्सा है। बिहार सरकार के प्रधान गृह सचिव अमीर सुभानी ने बताया कि घायल हुए लोगों में से चार की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया कि वह गांधी मैदान का दौरा करने के साथ घटना की जांच शुरू करेंगे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुख्यालय को भगदड़ की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उधर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में शोकाकुल लोग भगदड़ में बिछुड़ गए अपने प्रियजनों की खोज में रात से बैठे हैं। रामगुलाम चौक के समीप घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों ने बताया कि हादसा गांधी मैदान के दक्षिण पूर्वी कोने की ओर के गेट से निकलने की हड़बड़ी में हुआ। बताया जाता है कि तब एक ही गेट खुला था, इस विशाल गांधी मैदान में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे, हादसे के समय मैदान के कई कोने ऐसे थे, जहां प्रकाश की मामूली व्यवस्था थी। भाजपा ने हादसे पर जीतन राम मांझी सरकार की आलोचना की है।
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर एक सूची जिसके मुताबिक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें महिलाएं, बच्चे ज्यादा हैं। अधिकांश मृतकों की पहचान कर ली गई है और उनके शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह को पीएमसीएच में हताहतों के रिश्तेदारों की नाराजगी का सामना करना पड़ा, नाराज लोगों ने पथराव किया। स्वास्थ्य मंत्री को फिर वहां से जाना पड़ा। राज्य सरकार की आलोचना पर उन्होंने कहा कि विपक्ष अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं। पटना में भगदड़ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री से बातचीत कर स्थिति की समीक्षा की और प्रधानमंत्री राहत कोष से राहत देने की घोषणा की। दशहरा उत्सव के दौरान हुई भगदड़ के बाद प्रधानमंत्री ने कल शाम बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से टेलीफोन पर बातचीत की थी। प्रधानमंत्री ने दुर्घटना में लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने प्रत्येक मृतक के निकट संबंधी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल प्रत्येक व्यक्ति को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी गांधी मैदान पटना में दशहरा त्यौहार पर मची भगदड़ में लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है। बिहार के राज्यपाल डॉ डीवाई पाल को भेजे शोक संदेश में राष्ट्रपति ने कहा है कि मुझे दशहरा त्यौहार पर मची भगदड़ की दुर्घटना की खबर सुनकर गहरा आघात पहुंचा है, जिसमें अनेक लोगों की जानें गई हैं और अनेक घायल हो गए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं राज्य सरकार और अन्य एजेंसियों का आह्वान करता हूं कि वे शोक संतप्त परिवारों को सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराएं, जिनके परिजन इसमें हताहत हुए हैं।