स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 20 January 2013 08:40:16 AM
नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने कहा है कि फिजियोथेरापी के माध्यम से विभिन्न तरीकों और व्यायाम, ताप, प्रकाश, जल, बिजली के करंट आदि से किसी बीमारी, विकार और अंगों के काम न करने का उपयोगी इलाज किया जाता है। इस पद्धति को उन्नत और आवश्यक चिकित्सा तरीके के रूप में व्यापक मान्यता मिली है। इस पद्धति ने नि:संदेह मरीजों की अधिक सक्रियता और बेहतर जीवनशैली लौटा कर अपनी प्रभावशीलता सिद्ध की है।
नई दिल्ली में शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित चौथे वार्षिक एम्स फिजियोथेरापी सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि इस पद्धति में उपचार और एहतियात के दोनों पहलू हैं। आवश्यक दवा देने की आसान सुविधा और वाजिब कीमत से मरीजों की हालत में सुधार और पुनर्वास कार्यक्रम में यह पद्धति प्रासंगिक और महत्वपूर्ण बन गयी है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज के विश्व में मानवीय स्वास्थ्य के लिए नई चुनौतियां उभर रही हैं, इसलिए फिजियोथेरापी को इन जटिल और नए तरीकों की बीमारियों और विकारों के प्रति अवगत होना होगा, ताकि समय पर इनका पता लगाकर इन्हें रोका जा सके और उपचार किया जा सके। इस दिशा में अनुसंधान के साथ-साथ आधुनिक तरीकों और प्रौद्योगिकियों का विकास आवश्यक है, ताकि सही मायने में संपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल पद्धति प्रदान की जा सके।
उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि एम्स फिजियोथेरापी सम्मेलन, भारत और विदेश से आए पेशेवरों को नवीनतम ज्ञान, श्रेष्ठ प्रक्रिया, संसाधनों और औषधालय के अनुभव को साझा करने का उपयोगी मंच बन जाएगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण और अनुकूल परिवर्तन लाने में मदद मिल सकेगी।