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Saturday 22 November 2014 06:05:15 AM
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत में विदेशी निवेश का आंकड़ा 85 अरब डॉलर के पार जा सकता है और मौजूदा रुझान को देखते हुए यह अगले वित्त वर्ष तक 100 अरब डॉलर के आंकड़े को भी पीछे छोड़ सकता है। एसौचैम के अध्ययन में कहा गया है कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के सत्ता संभालने और उसकी ‘अच्छे दिन’ की अवधारणा से उत्साहित निवेशक भारत पर ऊंचे दाव लगाने लगे हैं। उद्योग मंडल का अनुमान है कि विदेशी निवेश के प्रवाह में 500 प्रतिशत से भी अधिक वृद्धि को देखते हुए इसका संकेत मिलता है, जिसमें विदेशी संस्थागत निवेश और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दोनों शामिल हैं।
एसोचैम के अध्ययन के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) दोनों मिलाकर कुल विदेशी निवेश अप्रैल से सितंबर 2014 अवधि में एक साल पहले के 7.76 अरब डॉलर से बढ़कर 39.90 अरब डॉलर तक पहुंच गया। अध्ययन के अनुसार इस दौरान सबसे बड़ा बदलाव एफआईआई निवेश प्रवाह में आया, जिसमें एक साल पहले आलोच्य अवधि में 7.04 अरब डॉलर गिरावट आई थी, इस साल बढ़कर 22.33 अरब डॉलर तक पहुंच गया। एफडीआई प्रवाह भी इस दौरान 14.59 अरब डॉलर से बढ़कर 17.81 अरब डॉलर पर पहुंच गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं के उत्साहजनक परिणामों का सकारात्मक असर भारत में विदेशी पूंजी निवेश पर साफ-साफ दिखाई दे रहा है।
अध्ययन में कहा गया है कि एफआईआई प्रवाह लगातार बना हुआ है, ऐसे में पोर्टफोलियो निवेश ही इस साल 45 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार आने और अमेरिका की सरल मुद्रा प्रसार नीति समाप्त होने से वैश्विक पोर्टफोलियो प्रवाह का रुख वापस अमेरिका की तरफ मुड़ने के बावजूद भारत पर इसका असर नहीं दिखा। निवेशकों में भारतीय शेयर बाजार को लेकर तेजी का रुख बना हुआ है। एसोचैम अध्यक्ष राणा कपूर ने इस अध्ययन पर कहा कि इस साल और अगले वित्त वर्ष के दौरान दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वाला देश बना रहेगा, हालांकि आर्थिक वृद्धि में वास्तविक सुधार दिखना अभी बाकी है, लेकिन धारणा लगातार बेहतर बनी हुई है। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत में गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के ऐलान से विदेशी निवेशकों में और भी ज्यादा उत्साह पैदा होने की उम्मीद है।