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Monday 21 January 2013 09:09:17 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने आज इलेक्ट्रोनिक्स प्रणाली प्रारूप और विनिर्माण क्षेत्र पर एक गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस सम्मेलन में 50 से ज्यादा उद्योग प्रमुखों ने भाग लिया। कपिल सिब्बल ने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रणाली प्रारूप के पारिस्थितिकी-तंत्र के सृजन और विनिर्माण के लिए नये नीति प्रारूप की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई नीति के प्रारूप को खासतौर पर एवियोनिक्स, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स और एलईडी जैसे क्षेत्रों को शामिल करने के लिए गठित किया गया है। इस गोलमेज सम्मेलन का आयोजन इन क्षेत्रों की जरूरतों को समझने तथा इन्हें नई नीति के अनुरूप बनाये जाने के लिए किया गया था।
सम्मेलन के दौरानसिब्बल को बोस्च इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के प्रमुख की ओर से 550 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के लिए प्रथम एमएसआईपीएस निवेदन प्राप्त हुआ। सम्मेलन में कपिल सिब्बल ने संकेत दिया कि भारत का बाजार और मानव संसाधन इस सदी के व्यापक निर्धारक होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार देश के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में पीएचडी की संख्या को बढ़ाने के लिए एक योजना को तैयार करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि 2020 तक प्रतिवर्ष 2500 पीएचडी तक पहुंचने का किया जा रहा है।
सिब्बल ने सहभागियों को जानकारी दी कि भारत से निर्यात की भी व्यापक संभानाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत डब्ल्यूटीओ-उपयोग के अंतर्गत दस वर्ष के ज्यादा के लिए निर्यात प्रोत्साहन प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा हालाकि नीति प्रारूप तैयार किया जा चुका है, लेकिन व्यापार को आसान बनाने और लेन-देन लागतों में कमी करने के लिए कई कदम उठाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एमएसआईपीएस योजना के अंतर्गत सभी परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए एक समय सीमा प्रदान की गई है।