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Wednesday 31 December 2014 04:26:20 AM
नई दिल्ली। संसदीय कार्य राज्यमंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने संसदीय लोकतंत्र को संविधान का आधारभूत अधिकार बताते हुए सांसदों से अपील की है कि वे सदन की अवमानना न करें। वह 49वें युवा संसद प्रतियोगिता 2014-15 के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। इस प्रतियोगिता का आयोजन संसदीय कार्य मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के स्कूलों और दिल्ली नगर निगम के स्कूलों के बीच कराया था। इस अवसर पर मुख्तार अब्बास नकवी ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने कहा कि समय-समय पर विभिन्न तरह की बाधाओं को बावजूद संसदीय लोकतंत्र हमारे देश में आज भी मजबूती के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र अपना रसूख दिखाने के लिए नहीं, बल्कि जनता की सेवा के प्रति उत्तरदायितत्व का बोध कराता है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बात पर जोर दिया कि यह जनता की आधारभूत जिम्मेदारी है कि वह अच्छे जनप्रतिनिधियों का चयन करे, जो संसदीय तंत्र औरसंसदीय संस्थाओं को मजबूत बनाने में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सार्वजनिक जीवन और राजनीति में सक्रिय और रचनात्मक भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि युवा संसदीय प्रतियोगिताएं लोगों में संसदीय लोकतंत्र के प्रति जागरूकता पैदा करने में कामयाब रही हैं। उन्होंने संसदीय कार्य के लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सांसदों को संसद का सदुपयोग लोगों की भलाई के कार्यों के लिए करना चाहिए।
इस प्रतियोगिता में 34 स्कूलों ने भाग लिया था, जिसमें हैप्पी स्कूल दरियागंज को प्रतियोगिता की पंडित मोतीलाल नेहरू संसदीय शील्ड प्रदान की गई। प्रतियोगिता में लिटिल फ्लावर शाहदरा, रुक्मणी पब्लिक स्कूल पीतमपुरा, न्यू ऐरा पब्लिक स्कूल मायापुरी, गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सैकेंड्री स्कूल नजफगढ़, एयरफोर्स सीनियर सैकेंड्री स्कूल रेसकोर्स आदि स्कूल शामिल थे। वर्ष 1996 में यह प्रतियोगिता शुरू हुई थी, तब इसमें 16 स्कूलों ने भाग लिया था। वर्तमान में युवा संसद योजना में देशभर में 1200 स्कूल, 1200 केंद्रीय विद्यालय, 600 जवाहर नवोदय विद्यालय, 300 विश्वविद्यालय भाग लेते हैं।