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Tuesday 3 March 2015 05:09:40 PM
लखनऊ। सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पतिक अनुसंधान संस्थान में 2 मार्च को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। संस्थान में 'ओपन डे' आयोजित किया गया तथा संस्थान की विभिन्न प्रयोगशालाएं, वनस्पति संग्रहालय, पुस्तकालय, बॉटनिकल गार्डन आदि आम जनता के लिए खुले रहे। इस अवसर पर स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों से छात्रों की एक बड़ी संख्या ने संस्थान का भ्रमण किया। कुलपति बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के पद्मश्री से सम्मानित प्रोफेसर आरसी सोबती समारोह के मुख्य अतिथि थे, जिन्होंने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर व्याख्यान दिया।
सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पतिक अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ सीएस नौटियाल ने कहा कि राष्ट्रीय वनस्पतिक अनुसंधान संस्थान ने पिछले कुछ वर्ष में अनुसंधान के क्षेत्र में सराहनीय प्रगति की है। प्रोफेसर आरसी सोबती ने ‘स्टेम सेल, एवरी बॉडी वुड लाइक टू नो’ विषयक अपने व्याख्यान में कहा कि जिस प्रकार एक संपूर्ण पौधा ऊतक संवर्धक तकनीक में पौधे के किसी भी भाग से विकसित किया जा सकता है, ठीक उसी प्रकार से जीव कोशिकाओं में ऐसी क्षमता होती है, जिससे विभिन्न अंग ही नहीं, अपितु एक पूर्ण जीव तक विकसित किया जा सकता है।
प्रोफेसर आरसी सोबती ने अपने व्याख्यान में विभिन्न उदाहरण प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि छिपकलियों में अपनी कटी हुई पूंछ को पूरी तरह विकसित करने की क्षमता होती है, उसी प्रकार हम मनुष्यों में भी शारीरिक अंग जैसे लीवर, गुर्दे, हृदय आदि अंग नवजात शिशु की नाल की रक्त कोशिकाओं से विकसित किए जा सकते हैं। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर 'राष्ट्र निर्माण के लिए विज्ञान' विषय के संदर्भ में बोलते हुए प्रोफेसर आरसी सोबती ने कहा कि इस खास दिन पर हर वैज्ञानिक को बधाई दी जानी चाहिए। इस अवसर पर मुख्य वैज्ञानिक डॉ एसके राज, शोधकर्ता और छात्र उपस्थित थे।