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Thursday 5 March 2015 01:05:10 AM
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने श्रीमद्भगवद्गीता को सरल भाषा में 'यथार्थ गीता' मानव-धर्मशास्त्र के रूप में प्रस्तुत करने वाले मुनिराज स्वामी अड़गड़ानंदजी महाराज से उनके मिर्जापुर स्थित शक्तेशगढ़ आश्रम में भेंट कर आर्शीवाद लिया। ज्ञातव्य है स्वामी अड़गड़ानंदजी महाराज श्रीमद्भगवद्गीता के विश्वविख्यात मर्मज्ञ, एक प्रतिष्ठित धर्मशास्त्री और विद्वान रचनाधर्मी भी हैं। मुख्यमंत्री ने सत्संग स्थल पर उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित भी किया और कहा कि हमारे देश में अनेक धर्म-जाति के लोग एक जुट होकर रहते हैं, जरूरत सिर्फ इस बात की है कि सभी एक साथ मिलकर भारत को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि अमेरिका, चीन, जापान सहित अनेक देश हमसे आगे काफी बढ़ गए हैं, आज आवश्यकता है भारत को आगे बढ़ाने की।
अखिलेश यादव ने कहा कि आदिवासी तथा पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण यहां पर गरीबी अधिक है, जिसे दूर करना प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य है, इस दिशा में समाजवादी पेंशन योजना एक महत्वपूर्ण कड़ी है, महिलाओं का परिवार में सम्मान बढ़ाने के लिए समाजवादी पेंशन योजना से ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पेंशन योजना में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी, आगामी वित्तीय वर्ष से योजना के निर्धारित लक्ष्य में 5 लाख की और बढ़ोत्तरी की गई है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस योजना से छूट गए हैं, उन सभी से समाजवादी पेंशन योजना का फार्म भरवाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा रही है, कम समय में प्रदेश सरकार ने जितना काम किया है, उतना कार्य अब तक किसी भी सरकार ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि शक्तेशगढ़ में बिजली की समस्या की जानकारी मिली है, इस समस्या के समाधान के लिए जल्द ही यहां पर एक बड़ा विद्युत उपकेंद्र का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने यहां पत्रकारों से भी वार्ता की और कहा कि मिर्जापुर के गंगा नदी पर भटौली पुल तथा चुनार के बालू घाट के पुल को वर्ष 2016 तक पूर्ण करा लिया जाएगा। अखिलेश यादव ने बताया कि वाराणसी में लोहिया ग्रामीण बस सेवा का शुभारंभ कर दिया गया है, शीघ्र ही यह सेवा पूरे प्रदेश में उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में यदि किसी किसान की जमीन का अधिग्रहण किया जाता है तो उसे उसकी जमीन के सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दिया जाएगा।
स्वामी अड़गड़ानंदजी महाराज की ओर से मुख्यमंत्री को 'यथार्थ गीता' मानव-धर्मशास्त्र पुस्तक भी भेंट की गई। स्वामी अड़गड़ानंदजी महाराज ने अपने परमगुरू योगिराज स्वामी परमानंद महाराज परमहंस की वाणी और उनकी अंतःप्रेरणा से गीता सुनकर 'यथार्थ गीता' की रचना की है, जो अत्यंत सरल और गरिमामय भाषा में है। इस पुस्तक को भारी लोकप्रियता हासिल है और यह पुस्तक भारतीय भाषाओं हिंदी, मराठी, पंजाबी, गुजराती, उर्दू, संस्कृत, उड़िया, बंगला, तमिल, तेलगु, मलयामल, कन्नड़, असमी, सिंधी और विदेशी भाषाओं अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, नेपाली, स्पेनीश, फारसी, डच, नार्वेजीयन, चायनीज, इटालियन, रूसी, पुर्तुगीज में लिखी और अनुदित की गई है। इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी, परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया, वरिष्ठ अधिकारी, समाजवादी कार्यकर्ता और क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित थे।