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Saturday 18 April 2015 01:56:57 AM
रायपुर। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में भारतीय प्रबंधन संस्थान के चौथे वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग लिया। राष्ट्रपति ने इस अवसर कहा कि हमारे शैक्षणिक संस्थान को उभरती हुई चुनौतियों का सामना करने के लिए गतिशील और तत्पर होना होगा, उच्चतर शिक्षा के संस्थानों को उत्कृष्टता के वातावरण को प्रोत्साहन और प्रमुख क्षमताओं को विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रबंध संस्थानों को अधिक छात्रों को लाभांवित करने के लिए क्षमता में विस्तार के साथ-साथ निर्देशों की गुणवत्ता में भी सुधार करना होगा, व्याख्यान और शिक्षण जैसे बौद्धिक संसाधनों और विचारों की सहभागिता को सक्षम बनाने के लिए ई-क्लासरूम और ज्ञान जैसे तकनीकी तंत्रों को भी बहाल करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में प्रबंधन अनुसंसाधन के एक वातावरण को तैयार करने के लिए हमें अत्यंत सक्रिय होना चाहिए, जिसके लिए आईआईएम को विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग को एक-दूसरे के साथ जुड़ना होगा और संयुक्त अनुसंधान, पाठ्यक्रम विकास, अभिनव केंद्र और अनुसंधान केंद्रों में साझेदारी के माध्यम से आपसी लाभ लेना होगा। आईआईएम को हमारे समाज, समुदाय और राष्ट्र के स्तर पर होने वाली समस्याओं का निदान करने और समग्र विकास के लिए व्यापक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। आईआईएम के संकायों को केंद्र और राज्य सरकारों दोनों के समक्ष आने वाली नीति और परियोजना कार्यांवयन में चुनौतियों के लिए सलाहकार के तौर पर काम करना चाहिए। आईआईएम स्नातकों को राज्य के लोगों के संदर्भ में परियोजनाओं को देखना चाहिए और कंपनियों एवं निगमों को प्रारंभ करने की शुरूआत करनी चाहिए, ताकि क्षेत्र के आर्थिक विकास में सहयोग किया जा सके।
राष्ट्रपति ने प्रसन्नता जताई कि आईआईएम रायपुर शिक्षण, अध्यापन और मानव संसाधन विकास में उत्कृष्टता के अपने उद्देश्यों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि नए रायपुर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त परिसर से किसी भी विश्व स्तरीय संस्थान के समकक्ष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नवीन भारत के निर्माण के लिए एक संकल्पित प्रयास और आईआईएम रायपुर जैसे प्रमुख संस्थानों के उन्न्त और सकारात्मक विचारों से गांधीजी के स्वच्छ और समर्थ भारत के स्वप्न को साकार करने में हमारे देश को सहायता मिलेगी। उन्होंने आईआईएम रायपुर के छात्रों से अपील की कि वे इस तथ्य को हमेशा ध्यान में रखें कि जो उत्कृष्ट शिक्षा उन्होंने हासिल की है, वह राष्ट्र, राज्य और समुदाय के योगदान के लिए है, इसलिए छात्रों का यह महत्वपूर्ण दायित्व है कि वे न सिर्फ अपने और अपने परिवारों, बल्कि संपूर्ण राष्ट्र और समुदाय के लिए कार्य करेंगे। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि डिग्री प्राप्त करने वाले, देश के निर्माण में सार्थक रूप से भाग लेंगे।