स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 2 May 2015 07:11:42 AM
शिलांग। केंद्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्वोत्तर में शिलांग के निकट आयोजित एक समारोह में पूर्वोत्तर में दो प्रमुख राजमार्ग परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि इन परियोजनाओं से गुवाहाटी के साथ-साथ पूर्वोत्तर के अन्य भागों से शिलांग की ओर जाने की यात्रा काफी सहज हो जाएगी। इनमें शिलांग बाईपास और एनएच-40 के जोराबात-बारापानी सेक्शन को चार लेन में बदलना शामिल हैं।
राजमार्ग मंत्री ने कहा कि शिलांग बाईपास एनएच-40 तथा एनएच-44 (नया एनएच 6) को जोड़ता है तथा असम के पूर्वोत्तर हिस्सों तथा अन्य राज्यों-मिजोरम और त्रिपुरा की ओर जाने वाले और इनकी तरफ से आने वाले भारी वाहनों और ट्रकों से शिलांग शहर में भीड़-भाड़ कम होगी। बाईपास रि-भोई जिले में 48.76 किलोमीटर का उमिआम एनएच-40 से शुरू होता है तथा पूर्वी खासी जिले में मावरींगक्नेंग एनएच-44 (नया एनएच-6) पर समाप्त होता है। इस राह पर गाड़ी चलाना सुरक्षित और सुखद अनुभव मुहैया कराता है। बाईपास का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के बीओटी (एन्यूटी) आधार पर किया गया है। जोराबात-बारापानी को चार लेन में बदलने से गुवाहाटी और शिलांग के बीच मजबूत सड़क मार्ग बन गया है। प्राधिकरण ने एनई के अंतर्गत डीबीएफओटी पद्धति पर 61.80 किलोमीटर परियोजना बनाने का निर्णय लिया था।
नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सड़कों के त्वरित विकास के लिए राज्यों को भूमि का अधिग्रहण तथा वन पर्यावरण मंजूरी शीघ्रता से लेनी होगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने इस वर्ष पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 15,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं तय की हैं। उन्होंने परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों को ढूंढ़ने में प्राधिकरण की समस्याओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने स्थानीय ठेकेदारों को आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि क्षेत्र के युवाओं को सरकार की नीतियों का लाभ उठाना चाहिए।
राजमार्ग मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के युवाओं के लिए एनएचआईडीसीएल द्वारा दो दिन की कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिससे कि वे इन ठेकों को प्राप्त कर सकें। उन्होंने जैव-डीजल तथा एथनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन का उपयोग करने पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि जल-यातायात सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जलमार्गों के रूप में 101 अतिरिक्त अंतर्देशीय जलमार्गों से पूर्वोत्तर क्षेत्र को काफी सहायता मिलेगी। इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर में संरचना विकास के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार की नीति है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का कायाकल्प किया जाए।