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Wednesday 17 June 2015 12:37:26 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल में अंतरिक्ष विभाग की उपलब्धियों को बताने के लिए आग्मेंटेड रियलिटी ऐप्लीकेशन 'साकार' लांच किया। उन्होंने बताया कि डीईसीयू-इसरो ने एनड्रायड उपकरणों के लिए यह ऐप्लीकेशन विकसित किया है और आग्मेंटेड रियलिटी प्राकृतिक, वास्तविक विश्व पर्यावरण की प्रत्यक्ष लाइव प्रस्तुति है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि वास्तविक विश्व पर्यावरण के तत्वों को कंप्यूटर जनित 3डी मॉडल, एनिमेशन वीडियो आदि से संवर्धित किया जाता है, यह टेक्नॉलाजी इस्तेमालकर्ता की वास्तविकता की वर्तमान धारणा बढ़ाती है, यह संवर्धन वास्तविक समय में होता है और सूचना कैमरे पर लाइव दी जाती है।
राज्यमंत्री ने बताया कि आवश्यक रूप से आग्मेंटेड रियलिटी में तीन तत्वों की आवश्यकता होती है-बैक कैमरा के साथ एनड्रायड उपकरण, एआर ऐप्लीकेशन, एआर मेकर्स। साकार ऐप में दिया गया मल्टीमीडिया डीईसीयू-इसरो की मल्टीमीडिया तथा संपादन सुविधाओं के समर्थन से तैयार होता है। साकार में 3डी के तीन मॉडल एमओएम, आरआईएसएटी, राकेट (पीएसएलवी, जीएसएलवी, एमके-III), चक्रवात का पूर्वानुमान व्यक्त करने वाला इनसेट 3डी के वीडियो, जीएसएलवी डी5/क्रायो मंगल अभियान को कक्षा में स्थापित करना। एमओएम का लांच वीडियो एमओएम का 360 डिग्री पर एनिमेटेड तस्वीर मंगल सतह का एग्लीफ। साकार एप यूआरएल http://www.sac.gov.in/SACSITE/sakaar/index.html. के साथ वेब पेज पर लोड कर दिया गया है। इस्तेमालकर्ता ऐप डाउनलोड करने के लिए अपने उपकरण पर क्यूआर कोड रीडर का इस्तेमाल कर क्यूआर कोड देख सकते हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष भारत की अंतरिक्ष टेक्नॉलाजी ने हमें विश्वभर में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि भारत आज अंतरिक्ष टेक्नॉलाजी के क्षेत्र में अग्रणी देशों में एक है। उन्होंने कहा कि ऐसा वैज्ञानिकों की प्रतिबद्धता के कारण है, क्योंकि वह समर्पण के साथ काम करते हैं और अपने कार्य के प्रति गंभीर होते हैं। उन्होंने कहा कि मंगल अभियान भारत की अनूठी सफलता है, यह पहले ही प्रयास में सफल हुआ और इसमें सभी सुविधाएं स्वदेशी थी। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया वीजन के अनुरूप है। मंगल अभियान से प्राप्त तस्वीरें विश्व के अन्य देश भी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिर से उपयोग होने वाले लांच वेकिल से लांच लागत में 1/10 की कमी होगी और इस संबंध में प्रारंभिक कार्रवाई इस वर्ष सितंबर में की जाएगी।
अंतरिक्ष विभाग के सचिव तथा इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने पिछले एक वर्ष में अंतरिक्ष विभाग की उपलब्धियों को विस्तार से बताया। इनमें पीएसएलवी-सी23, आईआरएनएसएस-Iसी, आईआरएनएसएस-Iडी, जीएस80-16, एलवीएम3-एक्स/क्रू मॉडूल, जीएसएलवी एमके-III का सफल ग्राउंड परिक्षण शामिल है। इसरो के अध्यक्ष ने बताया कि जुलाई में पीएसएलवी-सी28, अगस्त में जीएलएलवी-डी6, एसट्रोसैट सितंबर में लांच किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आईआरएनएसएस-Iएफ तथा आईआरएनएसएस-Iजी 2016 में लांच करने की योजना है। सम्मेलन में अंतरिक्ष विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।