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Thursday 16 July 2015 04:49:58 AM
बरेली। मध्य वायु कमान के एयर ऑफीसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल कुलवंत सिंह गिल अपने दो-दिवसीय वार्षिक निरीक्षण दौरे पर वायुसेना स्टेशन बरेली पहुंचे। उनके साथ क्षेत्रीय वायुसेना पत्नी कल्याण संघ की अध्यक्ष रंजीत गिल भी थीं। एयर मार्शल कुलवंत सिंह गिल और रंजीत गिल के वायुसेना स्टेशन बरेली पहुंचने पर स्टेशन के एयर ऑफीसर कमांडिंग एयर कमोडोर जीतेंद्र मिश्रा वीएसएम और वायुसेना पत्नी कल्याण संघ की अध्यक्ष वत्सला मिश्रा ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस दौरान एयर मार्शल गिल ने स्टेशन में आयोजित एक भव्य रस्मी परेड का निरीक्षण किया और वहां पर मौजूद वरिष्ठ वायु सैन्याधिकारियों से रू-ब-रू हुए।
एयर मार्शल कुलवंत सिंह गिल ने बरेली वायुसेना स्टेशन की विभिन्न इकाईयों एवं अनुभागों का निरीक्षण किया और वरिष्ठ वायु सैन्य अधिकारियों से मिले। उन्होंने एयर बेस ऑपरेशनल, तकनीकी एवं प्रशासनिक तैयारियों का मुआयना किया। निरीक्षण के दौरान एयर बेस के मेकेनिकल ट्रांस्पोर्ट को भी प्रदर्शित किया गया। एयर मार्शल ने स्क्वाड्रन के कमान अधिकारी के साथ एसयू-30 एमकेआई में उड़ान भरकर ऑपरेशनल गतिविधियों का भी जायजा लिया। इस अवसर पर एयरमेन मेस में आयोजित बड़ाखाना के दौरान एयर मार्शल ने वहां मौजूद वायु सैनिकों से मुलाकात की। उन्होंने फुटबॉल मैच भी देखा तथा इंटर-यूनिट स्पोर्ट्स मीट का उद्घाटन किया। उन्होंने आज होलो स्क्वायर में उपस्थित स्टेशन के समस्त वायु सैन्यकर्मियों को संबोधित भी किया।
वायुसेना पत्नी कल्याण संघ की अध्यक्ष रंजीत गिल ने भी स्टेशन में बच्चों के लिए संचालित एक नवीनीकृत स्कूल भवन 'उम्मीद' का उद्घाटन किया। उन्होंने एक प्ले-स्कूल 'अंकुर' का भी दौरा किया, जहां वे स्कूल के नन्हें-मुन्ने बच्चों से रू-ब-रू हुईं। उन्होंने स्टेशन के वायु सैन्य परिवारों से मुलाकात की। रंजीत गिल ने स्टेशन मेडिकेयर सेंटर का मुआयना किया और वहां मरीजों को उपहार भेंट किए। उन्होंने विकलांग बच्चों को व्हीलचेयर भी भेंट कीं तथा वीर नारियों से मिलीं। एयर मार्शल कुलवंत सिंह गिल ने 1 अगस्त 2014 को मध्य वायु कमान के एयर ऑफीसर कमांडिंग-इन-चीफ का कार्यभार संभाला था। उन्होंने दिसंबर 1977 में भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग ब्रांच में कमीशन प्राप्त की थी। अपने 37 वर्ष के लंबे सेवाकाल में एयर मार्शल ने वायुसेना के अनुदेशकीय, निदेशकीय एवं कमान नियुक्तियों सहित विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
एयर मार्शल प्रतिनियुक्ति पर अंटार्कटिका गए, जहां उन्होंने 7वें एवं 8वें अंटार्कटिका साहसिक अभियान के सदस्य के रूप में कार्य किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने एक गनशिप यूनिट सहित उत्तरी क्षेत्र में सर्वोच्च ऊंचाई पर स्थित एक एयर बेस की कमान संभाली। वे कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन की प्रथम टुकड़ी के कमांडर के साथ-साथ पूर्वी वायु कमान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तथा प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के कमांडेंट के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। एयर मार्शल कुलवंत सिंह गिल को अंटार्कटिका साहसिक अभियान के दौरान असाधारण योगदान के लिए वीरता पदक 'वायु सेना मेडल' तथा कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन में उत्कृष्ट योगदान के लिए 'युद्ध सेवा मेडल' से अलंकृत किया जा चुका है।