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Wednesday 30 January 2013 09:07:56 AM
नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने बताया है कि यमुना नदी पर 120 मेगावाट क्षमता की व्यासी परियोजना के निर्माण हेतु भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने वन भूमि हस्तांतरण के प्रथम चरण की स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्रीने कहा है कि व्यासी जल विद्युत परियोजना पर शीघ्र ही कार्य शुरू होने से राज्य ऊर्जा उत्पादन में आत्म निर्भर बनेगा, व्यासी जल विद्युत परियोजनाएं सरकार की प्राथमिकता में है।
पूर्व में उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग ने 420 मेगावाट की लखवाड व्यासी बहुउद्देशीय परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 1987 में प्रारंभ किया गया। अपरिहार्य कारणों से वर्ष 1992 में परियोजना का कार्य रोक दिया गया। उत्तराखंड राज्य बनने के उपरांत 2008 में उत्तराखंड सरकार ने लखवाड-व्यासी परियोजना यूजेवीएन लिमिटेड को आवंटित कर दी। प्रथम चरण के अंतर्गत 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना को पूर्ण करने का निर्णय लिया गया। यूजेवीएन लिमिटेड ने व्यासी जल विद्युत परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पुनरीक्षित कर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को जुलाई 2010 में प्रेषित की, जिसकी टैक्नोइकानामिक स्वीकृति अक्टूबर 2011 में प्राप्त हुई।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक जीपी पटेल ने बताया कि भारत सरकार की सितंबर 2007 में व्यासी जल विद्युत परियोजना को प्रदत्त पर्यावरणीय स्वीकृति अप्रैल 2010 में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने यूजेवीएन लिमिटेड के नाम हस्तांतरित कर दी। वन अधिनियम के अंतर्गत वन भूमि के हस्तांतरण की स्वीकृति जो कि पूर्व में सिंचाई विभाग के पक्ष में थी, का नामांतरण यूजेवीएन लिमिटेड के पक्ष में होना आवश्यक था, अतः व्यासी परियोजना क्षेत्र के अंतर्गत 99.93 हेक्टेयर वन भूमि का नामांतरण प्रस्ताव यूजेवीएन लिमिटेड ने वृक्षों की वर्तमान गणना सहित वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को जून 2012 में प्रेषित किया। अगस्त 2012 में यूजेवीएन लिमिटेड के अधिकारियों की वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति की बैठक में परियोजना के प्रस्ताव के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया। यूजेवीएन लिमिटेड के प्रस्ताव को वन सलाहकार समिति ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान की।
वन एवं पर्यावरण परियोजनाओं की औपचारिक प्रथम चरण की स्वीकृति वन एवं पर्यावरण मंत्री के अनुमोदन के उपरांत दी जाती है। इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भारत सरकार में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री को सहमति जारी करने हेतु अनुरोध किया था, जिसके क्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने परियोजना की प्रथम चरण की स्वीकृति प्रदान की है। राज्य के लिए अति महत्वपूर्ण व्यासी जल विद्युत परियोजना का कार्य वर्ष 2016 तक पूर्ण कर लिया जाना प्रस्तावित है, जिसके उपरांत परियोजना में प्रतिवर्ष लगभग 375.24 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा, जो कि राज्य की प्रगति में एक मील का पत्थर साबित होगा।