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निर्वाचन आयोगों ने बनाई संयुक्‍त कार्य योजना

सार्क देशों के चुनाव प्रबंधन संस्‍थानों की अगली बैठक भूटान में

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 30 January 2013 10:08:00 AM

नई दिल्ली। भारत के निर्वाचन आयोग ने सार्क देशों के चुनाव प्रबंधन संस्‍थानों के प्रमुखों के मंच के मौजूदा अध्‍यक्ष के रूप में चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में परस्‍पर सहयोग को और मजबूत करने के लिए मंच के सदस्‍यों के साथ नई दिल्‍ली में बैठक की। इस बैठक में अफगानिस्‍तान, बांग्‍लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, मालदीव, पाकिस्‍तान और श्रीलंका के निर्वाचन प्रबंधन निकायों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों ने हिस्‍सा लिया। बैठक में वर्ष 2013-2014 के लिए एक ऐसी कार्ययोजना बनाने का फैसला लिया गया, जिसे अमल में लाया जा सके। साथ ही सदस्‍य आयोगों के वेबसाइट्स को भी जोड़ने का फैसला लिया गया, ताकि एक-दूसरे से तेजी से जुड़ाव, समायोजन और सूचनाओं तथा अनुभवों का आदान-प्रदान हो सके। बैठक में मंच ने अपना नाम बदलकर दक्षिण एशिया प्रबंधन संस्‍थान मंच रखने का फैसला लिया है। इस मंच की बैठक इसी साल भूटान में आयोजित की जाएगी।
निर्वाचन आयोग ने ‘ज्‍यादा समेकित चुनावों की ओर-दक्षिण एशियाई क्षेत्र में हस्‍तक्षेप’ विषय पर एक सेमिनार भी आयोजित किया। इसमें सभी प्रतिनिधियों ने अपने-अपने देशों में समेकित चुनाव के लिए काम करने में आ रही चुनौतियों और योग्‍य मतदाताओं के नाम पंजीकृत कराने तथा उन्‍हें मत डालने के योग्‍य बनाने के लिए की गई कोशिशों पर अपने विचार बांटे। सार्क देशों के प्रतिनिधियों ने 25 जनवरी को राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस पर राष्‍ट्रीय स्‍तर पर आयोजित उत्‍सव में भी भाग लिया और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड का भी आनंद उठाया।
भारत के मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त और मंच के अध्‍यक्ष वीएस संपत ने सेमिनार में मतदाता सूची में सभी योग्‍य मतदाताओं को शामिल किए जाने और चुनावी प्रक्रिया में समाज के सभी वर्गों की पूरी भागीदारी सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्‍होंने बताया कि दक्षिण एशियाई देशों के चुनाव आयोग इस काम में समान तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, ऐसे में मिलजुल कर काम करने की जरूरत है। सेमिनार में भारत के अन्य चुनाव आयुक्‍तों एचएस ब्रहमा और नसीम ज़ैदी ने प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि महिलाओं, कमजोर शहरी मतदाताओं और दबे-कुचले समुदाय के लोगों जैसे समाज के कुछ वर्गों की चुनावी प्रकिया में कम भागीदारी को दुरुस्‍त करने और मताधिकार का इस्‍तेमाल के लिए उन्‍हें प्रेरित करने का काम किया जाए। मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त और चुनाव आयुक्‍तों ने दक्षिण एशियाई देशों के चुनाव आयोगों के अपने समकक्षों को चुनाव प्रक्रिया में पूरी मदद करने का आश्‍वासन दिया।
दक्षिण एशियाई देशों के निर्वाचन आयोगों के मुख्‍य चुनाव आयुक्‍तों और प्रतिनिधियों ने अधिक सक्षम और गुणात्‍मक चुनाव संपंन कराना सुनिश्चित करने के लिए सहयोग की जरूरत बताई। उन्‍होंने इस क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन में भारत के निर्वाचन आयोग के नेतृत्‍व की सराहना की। पाकिस्‍तान के प्रतिनिधियों ने बैठक में बताया कि चुनाव में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए उसने भारत के राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस की अवधारणा को अपना लिया है। निर्वाचन आयोगों के मंच की बैठक के साथ ही निर्वाचन आयोग के भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्‍थान में मंच के सदस्‍यों ने नामांकित चुनाव अधिकारियों के लिए दो हफ्ते का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया।
‘चुनाव प्रबंधन के ‍लिए क्षमता विकास’ शीर्षक से आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत निर्वाचन आयोग की चुनावी मशीनरी से रूबरू कराने के लिए अधिकारियों को आगरा और भोपाल का भ्रमण भी कराया गया। निर्वाचन आयोग एक ऐसा ही प्रशिक्षण कार्यक्रम अफगानिस्‍तान के चुनाव अधिकारियों के लिए फरवरी 2013 में कराने वाला है। इससे पहले आयोग ने भूटान निर्वाचन आयोग के एक 10 सदस्‍यीय दल को पिछले महीने गुजरात विधानसभा चुनाव का अवलोकन करने के लिए गुजरात भेजा था।

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