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विश्‍व के सामने उच्‍च प्रतिस्‍पर्धा-डॉ जितेंद्र सिंह

महिला उद्यमियों का समय अधिक उज्‍जवल और प्रासंगिक

फिक्‍की महिला संगठन का सार्क महिला उद्यमी सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 19 September 2015 03:39:33 AM

dr. jitendra singh with the members of saarc chamber of women

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग राज्‍यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भारतीय वाणिज्‍य और उद्योग चैंबर्स संघ के महिला प्रकोष्‍ठ फिक्‍की महिला संगठन के सार्क महिला उद्यमी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाला कल नए विचारों के नवपरिवर्तन से संबंधित होगा और जिस प्रकार से उच्‍च प्रतिस्‍पर्धा के साथ विश्‍व सिमट कर छोटा हो रहा है, ऐसे में इस परिदृश्‍य पर वही प्रभावी हो पाएगा, जिसके पास नए विचारों के साथ प्रयोग करने की क्षमता हो। उन्‍होंने कहा कि आने वाले वर्ष महिला उद्यमियों के लिए और अधिक उज्‍जवल और अधिक प्रासंगिक होंगे।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा विश्‍व न सिर्फ एक-धुव्रीय हो रहा है, बल्‍कि एक-लिंगीय भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि कम से कम व्‍यावसायिक मामलों में हमारा दृष्‍टिकोण और पहुंच जो उद्यमियों के तौर पर अपनी क्षमता सिद्ध करने के लिए पुरूषों के साथ महिलाओं को भी समान अवसर की अनुमति देता है, यदि अभी भी अतीत के कुछ प्रचलित पूर्वाग्रह देखने को मिलते हैं तो इसका कारण यही है कि भारतीय समाज अभी भी अपने धीमे विकास के चरण में है और समकालीन वैश्‍विक समाज की नवीन कार्यप्रणालियों के साथ अपने अतीत से बहुत से अनजानी बातों को सीखने की अवस्‍था में है। उन्होंने कहा कि यह चिंता किए बिना कि सफलता एक पुरूष अथवा महिला की है, भविष्‍य की सफलता का ‘मंत्र’ अभिनव, मौलिकता और रचनात्‍मकता होगी।
राज्‍यमंत्री ने ‘एक्‍ट ईस्‍ट’ पॉलिसी के माध्यम से पूर्वोत्‍तर को सशक्‍त बनाने के लिए भूटान, म्‍यांमार और बांग्‍लादेश जैसे देशों को शामिल करते हुए जैविक कृषि अभियान सहित पूर्वोत्‍तर में प्रारंभ की गई कई नई उद्यम पहलों का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि यदि कुछ महीनों की लघु अवधि में इन पहलों ने सफलता हासिल की है तो यह सिर्फ इसलिए संभव हुआ है, क्‍योंकि उनके पास अभिनव सोच और विचारों का भंडार है। फिक्‍की महिला संगठन ने अपने ‘महिला स्‍वास्‍थ्‍य और चिकित्‍सा’ घटक के शुभारंभ की भी घोषणा की जिसका उद्घाटन डॉ जितेंद्र सिंह ने किया था। इस विषय पर महिलाओं में मधुमेह, उच्‍च रक्‍तचाप और संबंधित बीमारियों पर नियंत्रण और रोकथाम पर विचार-विमर्श किया गया। सम्‍मलेन स्‍थल पर ही रक्‍त जांच के लिए एक जांच प्रयोगशाला भी लगाई गई थी।
सार्क देशों के समुदाय में भारत की बढ़ती भूमिका का उल्‍लेख करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे कुछ निश्‍चित क्षेत्रों में भारत पहले से ही अग्रणी हो चुका है और आने वाले वर्षों में भारत महिला उद्यमशीलता को बढ़ाने के साथ-साथ क्षेत्र में महिला स्‍वास्‍थ्‍य की स्‍थिति में भी अग्रणी भूमिका निभाने जा रहा है। इस अवसर पर पाकिस्‍तान नेशनल असेंबली के सदस्‍य और सार्क चैंबर महिला उद्यमी परिषद की अध्‍यक्ष शाइस्‍ता परवेज मलिक, एससीडब्‍ल्‍यूईसी की पूर्व अध्‍यक्ष और एफएलओ की पूर्व अध्‍यक्ष इंदिरा दत्‍त और एससीडब्‍ल्‍यूईसी की उपाध्‍यक्ष अनुराधा गोयल ने भी अपने विचार व्‍यक्‍त किए।

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