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Wednesday 30 September 2015 01:10:32 AM
लखनऊ। सामाजिक चेतना जगाने और एक-दूसरे से जुड़ने के लिए किसी बड़े आडंबर की जरूरत नहीं होती जैसे, न कोई मंच और न कोई भव्य दिखावट। भारतीय समन्वय संगठन (लक्ष्य) का एक आह्वान हुआ और समाज के सब नर-नारी एकत्र हो गए। यह भागीदारी यही बता रही है कि लक्ष्य के लोगों ने समाज में अपने रचनात्मक कार्यों से कितना बड़ा विश्वास अर्जित किया हुआ है। लक्ष्य की लखनऊ महिला टीम ने लखनऊ के कुमड़िया गांव में सामाजिक जागरुकता के लिए यह एक दिवसीय कैडर कैंप आयोजित किया। गांव की महिलाओं, पुरुषों, युवाओं और बच्चों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लक्ष्य की कमांडरों ने इनके बीच दलित समाज की आर्थिक और सामाजिक उपेक्षा पर गहरी चिंता जताई और बहुजन समाज के अधिकारों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए सामाजिक एकता पर बल दिया। देखा जा रहा है कि इन शिविरों में महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।
लक्ष्य की महिला कमांडर संघमित्रा गौतम ने इस मौके पर गौतम बुद्ध की शिक्षाओं से समाज को जागरुक किया। लक्ष्य की महिला कमांडर रेखा आर्या ने कहा की हमें हर स्तिथि में अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए और शोषण के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए। रजनी सोलंकी ने लोगों का आह्वान किया कि वे बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलें। लक्ष्य महिला कमांडर कमलेश सिंह ने समाज की महिलाओं को अंधविश्वास से दूर रहने की सलाह दी। राजकुमारी कौशल ने समाज की एकता पर बल दिया और समझाया कि बिना एकता के समाज अपने मौलिक अधिकारों को प्राप्त नहीं कर सकता। महिला कमांडर मंजुलता आर्या ने कहा कि हमें अपने बच्चों में लड़की-लड़के का भेद नहीं करना चाहिए और लोगों को कुरूतियों से बचने की सलाह दी। वक्ताओं का सबसे ज्यादा जोर शिक्षा और भेदभाव रहित समाज के निर्माण पर था। बड़ी शांति और धैर्य से विचार सुने गए और सभी को धन्यवाद के साथ शिविर का समापन हुआ।