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Friday 16 October 2015 12:38:44 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्राविधिक विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक के शिलान्यास पर कहा है कि महान वैज्ञानिक एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने शिक्षा के प्रसार के लिए अथक प्रयास किए, वे विद्यार्थियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय थे, इसीलिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एवं अन्य प्रख्यात वैज्ञानिकों की स्मृति में इस स्मारक का शिलान्यास किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्मारक से राज्य के प्राविधिक शिक्षा के विद्यार्थी प्रेरणा हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुविधा के लिए यहां पर एक केंद्रीय पुस्तकालय का निर्माण भी कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रसिद्ध डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने शिक्षकों और छात्रों से हमेशा सीधा संवाद कायम किया, इसीलिए उनके व्यक्तित्व से अनवरत प्रेरित करने के मकसद से समाजवादी सरकार ने उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय का नाम बदलकर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश किया है, इस विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किए जाने का फैसला भी राज्य सरकार ने लिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए पूर्व राष्ट्रपति ने 9 सूत्र दिए थे, जिनपर उत्तर प्रदेश सरकार तेजी से कार्य कर रही है।
ये सूत्र हैं-शुद्ध पेयजल का प्रावधान करना, ग्रामीण नेताओं की आगामी पीढ़ी को तैयार करना, जैव ईंधन एवं सौर ऊर्जा के उपयोग से ऊर्जा मिशन यूपी का निर्माण करना, युवाओं का कौशल विकास, कई क्षेत्रों में युवा विशेषज्ञ और जिला विकास योजना विकसित करना, कूड़े से ईंधन के लिए सतत विकास करना, सामाजिक उद्यमियों और सभी नागरिकों के लिए तकनीक के माध्यम से शांति और सुरक्षा तय करना तथा मोबाइल समावेशी शासन। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ कलाम को उत्तर प्रदेश से बेहद लगाव था, मृत्यु के कुछ दिन पहले उन्होंने कन्नौज जनपद के फकीरपुरा गांव में 250 किलोवॉट के सोलर पॉवर प्लांट का लोकार्पण किया था। डॉ कलाम का मानना था कि सोलर एनर्जी हमारे लिए ऊर्जा का एक बेहतर स्रोत है, क्योंकि इससे कार्बनडाइ ऑक्साइड नहीं बनती और प्रदूषण कम होता है, पर्यावरण के नजरिए से उनका जोर विद्युत चलित वाहनों को बढ़ावा देने पर था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्नौज में डॉ कलाम ने लड़का-लड़की में भेदभाव न करने, पेड़ लगाने, छोटा परिवार रखने, नशे से बचने तथा बिजली बचाने की शपथ दिलाई थी, ये सभी बातें किसी भी देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में ले जाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रगति और खुशहाली के लिए डॉ कलाम के दूरदर्शी विचारों और सिद्धांतों ने सबको प्रभावित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ कलाम का कहना था कि राज्य के विकास में यहां आईआईटी, आईआईएम जैसे प्रमुख संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, वे चाहते थे कि प्रदेश के नौजवान विश्वस्तरीय कौशल से समृद्ध हों, साथ ही राज्य में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा परिवहन व सड़क अवस्थापना पर विशेष ध्यान दिया जाए, राज्य में लघु उद्योगों को बढ़ावा मिले, इन सभी क्षेत्रों में राज्य सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है, डॉ कलाम ने राज्य में मेट्रो रेल, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तथा सीजी सिटी जैसी योजनाओं की सराहना की थी, उनके विकास संबंधी सुझावों पर राज्य सरकार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्राविधिक विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट प्राविधिक शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का विकास इस तरह से किया जाना चाहिए कि शिक्षा के क्षेत्र में इसकी अलग पहचान हो। कार्यक्रम में प्राविधिक शिक्षामंत्री शिवाकांत ओझा ने कहा कि यह प्राविधिक विश्वविद्यालय संसार का सबसे बड़ा शोध संस्थान बनेगा, यह विश्वविद्यालय स्किल डेवलपमेंट का एक विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने का भी काम करेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने कहा कि डॉ कलाम ने देश की निष्काम भाव से सेवा की है और देश की तरक्की के लिए अनेक कार्य किए, वे सोलर एनर्जी में बहुत भरोसा रखते थे, इसीलिए कन्नौज के कई गांवों में सोलर पावर पहुंचने से वे बेहद खुश थे। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि इस संस्थान को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा, नदियों की समस्याओं को समझने और उनके समाधान से संबंधित एक इंस्टीट्यूट की भी स्थापना यहां की जाएगी, विश्वविद्यालय में एक ‘स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट’ की भी स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मां सरस्वती तथा डॉ कलाम के चित्रों पर माल्यार्पण किया। विश्वविद्यालय की ओर से मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह तथा तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों ने डॉ कलाम का चित्र भी भेंट किया। मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर स्मारक का शिलान्यास किया। उन्होंने डॉ कलाम व सृजनपाल सिंह की पुस्तक ‘आओ बच्चों आविष्कारक बनें’ का विमोचन किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रों को सम्मानित किया। इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी, प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री राम सकल गुर्जर, आलोक कुमार शाक्य, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री अभिषेक मिश्रा, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ विनय कुमार पाठक, बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।