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Saturday 17 October 2015 06:12:40 AM
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख अरुण कुमार ने कहा है कि विश्व का शक्ति संतुलन भारत तय करेगा, चुनौतियां सबके सामने होती हैं, चुनौतियों से पार पाने के रास्ते ढूंढने होंगे। कालीचरण पीजी कालेज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क विभाग की शैक्षिक संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में उन्होंने कहा कि चुनौतियों से पार पाने वाला ही चिरंजीवी होता है, भारत के पोटेंशियल को दुनिया देख रही है, देश की सबसे बड़ी समस्या आत्म विस्मृत की है, देश के लोगों में से आत्म विस्मृति को निकालनाहोगा। उन्होंने कहा कि देश के सामने चार चुनौतियां हैं, जिनसे पर पाना होगा, पहली चुनौती समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति करने की है, जिनमें भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार है। दूसरी राष्ट्रभाव की कमी है, जिससे एकात्म और समरस जीवन नहीं बन पाया। तीसरी सामान्य जनता में देश और समाज को लेकर कोई सपना नहीं है और चौथी चुनौती समाज की वैशिष्ट्य है। उन्होंने कहा कि मूल्य आधारित समाज निर्मित करना होगा, इन सभी चुनौतियों से पार पाने के लिए, सामान्य व्यक्तियों में परिवर्तन लाना होगा।
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आरके मिश्रा ने कहा कि हमें अपनी शक्ति स्रोतों को जगाना होगा, विश्वविद्यालयों के अंदर शिक्षा के नए आयाम स्थापित करने होंगे, तभी भारत का पुनर्निर्माण होगा। संघ के प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ जयवीर सिंह ने कहा कि सोच व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है और प्रयास उसकी सफलता का निर्धारण करते हैं। उन्होंने कहा कि संघ को संघ में आकर ही समझा जा सकता है, इसके लिए संपर्क विभाग तत्पर है। संगोष्ठी का संचालन वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष डॉ सुभाष चंद्र पांडेय ने किया, जिसमें संघ के क्षेत्र संपर्क प्रमुख सुरेश चंद्र, प्रांत प्रचारक संजय कुमार, सह प्रांत प्रचारक रमेश कुमार, संघ चालक पंकज अग्रवाल, डॉ गुरुमिलन सिंह, प्रांत सह संपर्क प्रमुख विनोद कुमार, डॉ पंकज सिंह, डॉ सुरेशपति त्रिपाठी, डॉ अब्दुल रहीम, डॉ दिनेश चंद्र, डॉ राजकुमार, डॉ अरुणसिंह, डॉ रश्मि मिश्रा, डॉ शोभा श्रीवास्तव, डॉ बबिता पांडेय, डॉ काजल मौर्या, डॉ शिव कुमार और डॉ हरनाम सिंह सहित महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के शिक्षक उपस्थित थे। आभार ज्ञापन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवेंद्र सिंह ने किया।