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Sunday 1 July 2018 03:48:12 PM
उन्नाव। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ की वर्ष 2015-16 की कार्य योजना के क्रियांवयन के क्रम में पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में सोमवार को लोक अदालत में वादों के निस्तारण के लिए 23 बंदियों के मामले सामने आए, जिनमें 16 बंदियों की रिहाई के आदेश जारी किए गए।
लोक अदालत में नोडल अधिकारी और अपर सिविल जज डॉ सुनील कुमार सिंह ने कहा कि समय-समय पर कारागार में इस तरह की लोक अदालतों का आयोजन इसलिए किया जाता है, क्योंकि छोटे अपराधों में जेलों में बंद ग़रीब आरोपी या अपराधी अपने मामलों में उचित तरीके से पैरवी नहीं कर पाते हैं और जुर्म के बराबर या उससे अधिक सजा काट चुके होते हैं, लोक अदालत का कामउन्हें मौके पर रिहा कराना है, ऐसा करने से मामलों का शीघ्र निपटान हो जाता है, अदालतों में लंबित मामलों की संख्या में भी कमी लाने के साथ-साथ लोगों को शीघ्र न्याय भी मिलता है।
डॉ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि जेल लोक अदालत में 26 बंदियों के कुल 64 नियत आपराधिक मामलों में 53 मामलों में बंदियों ने अपना-अपना जुर्म स्वीकार करने के कारण तथा उनके अपराध एवं जेल में बिताई गई अवधि के आधार पर वादों का निस्तारण किया गया। जेल लोक अदालत में डिप्टी जेलर आलोक शुक्ला, प्रशांत उपाध्याय, राम स्वरूप कार्यालय लिपिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के एडवोकेट गुलाब सिंह, पंकज कश्यप न्यायालय अहलमद और अर्दली रमा निवास मिश्रा बाकायदा उपस्थित थे।