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Friday 13 November 2015 09:04:56 AM
बिजनौर। बढ़ापुर वन क्षेत्र के सईदनगर उर्फ हल्दुवाला गांव में बलवंत सिंह के मुर्गी फार्म में शिकार के लिए इस नौजवान बाघ को घुसना बहुत महंगा पड़ा। इसने वहां बलवंत सिंह पर हमला कर उसका हाथ झटककर खा लिया और बचाने का प्रयास कर रहे उसके नौकर को भी घायल कर दिया। शोर होने पर गांव के लोग आ गए जिन्होंने बाघ को घेर लिया और उसकी धारदार हथियारों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। सूचना पाकर वन विभाग की टीम वहां पहुंची और बाघ के शव को अपने कब्जे में ले लिया।
शिकार के लिए अब मानव आबादी में जा रहे हैं बाघ और दूसरे वन्य प्राणी। इस क्षेत्र में वन्य प्राणी तस्करों के झुंड के झुंड सक्रिय हैं, जो उन्हें मार रहे हैं। वन विभाग की परेशानी यह है कि तस्करों को शक्तिशाली लोगों का समर्थन प्राप्त है, जिससे इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। कालागढ़ वन क्षेत्र में भी पूर्व में इस प्रकार कई बाघ मारे जा चुके हैं। यह बाघ तो उस मनुष्य की जान लेने के प्रयास में मारा गया है। गांव के लोगों से घिरने के बाद उसके पास बचने का कोई रास्ता नहीं बचा था। ज्ञातव्य है कि मानव और वन्य जीवन के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है, जिसे रोकने के सारे सरकारी प्रयास कमजोर साबित हो रहे हैं। इसका प्रमुख कारण मानव आबादियों का जंगलों की ओर बढ़ना, जंगलों का सिमटना और जंगलों में तस्करों द्वारा इनका पीछा करना माना जा रहा है।