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Thursday 24 December 2015 05:38:46 AM
नई दिल्ली/ बैथलहम। क्रिसमस अर्थात बड़ा दिन दुनिया में ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व देश-दुनिया में धूमधाम से शुरू हो गया है। यह 25 दिसम्बर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व में अवकाश भी रहता है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमस टाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म 7 से 2 ईसापूर्व के बीच हुआ था। यीशु मसीह के जन्म की कोई ज्ञात या वास्तविक जन्म तिथि नहीं है कुछ का अभिमत है कि लगता है कि पच्चीस दिसंबर तिथि को एक रोमन पर्व या मकर संक्रांति के आधार पर चुना गया है। क्रिसमस सभी ईसाई मनाते हैं और आजकल कई गैर ईसाई लोग भी इसे एक धर्मनिरपेक्ष, सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाते हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या यानि 24 दिसंबर को ही जर्मनी तथा कुछ अन्य देशों में इससे जुड़े समारोह शुरु हो जाते हैं। ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल देशों में क्रिसमस से अगला दिन यानि 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप में मनाया जाता है। कुछ कैथोलिक देशों में इसे सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहते हैं। आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च 6 जनवरी को क्रिसमस मनाता है। बहरहाल प्रभु येशु को याद करना या उनका दोबारा जन्म ही क्रिसमस माना जाता है। भारत में इस दिन भारतीय जनता पार्टी देश के विख्यात नेता अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन मनाती है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिसमस पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
क्रिसमस पर्व ईसाइयों के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। क्रिसमस शब्द क्राईस्टेस माइसे अथवा ‘क्राइस्टस् मास’ शब्द से जन्मा है और ऐसा कहा जाता है कि पहला क्रिसमस रोम में 336 ईस्वी में मनाया गया था। क्राइस्ट के जन्म के संबंध में नए टेस्टामेंट के अनुसार व्यापक रूप से स्वीकार्य ईसाई पौराणिक कथा है। इस कथा के अनुसार प्रभु ने मैरी नामक एक कुंवारी लड़की के पास गैब्रियल नाम का देवदूत भेजा। गैब्रियल ने मैरी को बताया कि वह प्रभु के पुत्र को जन्म देगी तथा बच्चे का नाम जीसस रखा जाएगा। वह बड़ा होकर राजा बनेगा, तथा उसके राज्य की सीमाएं नहीं होंगी। देवदूत गैब्रियल ने जोसफ के पास भी जाकर उसे बताया कि मैरी एक बच्चे को जन्म देगी। कहते हैं कि जिस रात को जीसस का जन्म हुआ, उस समय नाम पंजीकृत कराने के लिए मैरी और जोसफ बेथलेहेम जाने के लिए रास्ते में थे, उन्होंने एक अस्तबल में शरण ली, हालांकि अस्तबल के तथ्य का बाइबिल में प्रमाणिक उल्लेख नहीं मिलता, ऐसे ही गुफा का भी जिक्र किया जाता है, जहां मैरी ने आधी रात को जीसस को जन्म दिया। इस प्रकार प्रभु के पुत्र जीसस का जन्म हुआ।
क्रिसमस समारोह अर्धरात्रि के बाद शुरू होते हैं। जिसमें मनोरंजन और हर्षोल्लास के बीच सभी सामूहिक रूप से खुशियां मनाते हैं। सेंट बेनेडिक्ट यानी सांता क्लाज़, लाल और सफेद ड्रेस पहने हुए क्रिसमस समारोहों में विशेष कर बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सांता क्लाज़ बच्चों को प्यार करता है, उनके लिए चाकलेट, उपहार और वांछित वस्तुएं लाता है। क्रिसमस के दौरान प्रभु की प्रशंसा में लोग कैरोल गाते हैं। वे प्यार और भाईचारे का संदेश देते हुए घर-घर जाते हैं। क्रिसमस ट्री अपने वैभव के लिए पूरे विश्व में लोकप्रिय है। लोग अपने घरों को पेड़ों से सजाते हैं तथा हर कोने में मिसलटों को टांगते हैं। भारत में विशेषकर गोवा में कुछ लोकप्रिय चर्च हैं, जहां क्रिसमस बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इनमें से अधिकांश चर्च भारत में ब्रिटिश व पुर्तगाली शासन के दौरान स्थापित किए गए थे। भारत के कुछ बड़े चर्चों मे सेंट जोसफ कैथेड्रिल, आंध्र प्रदेश में मेढक चर्च, सेंट कैथेड्रल, चर्च आफ सेंट फ्रांसिस आफ आसीस, गोवा में बैसिलिका और बोर्न जीसस, सेंट जॉंस चर्च इन विल्डरनेस और हिमाचल में क्राइस्ट चर्च, सांता क्लाज बैसिलिका चर्च, केरल का सेंट फ्रासिस चर्च, होली क्राइस्ट चर्च, महाराष्ट्र में माउंट मेरी चर्च, तमिलनाडु में क्राइस्ट द किंग चर्च, वेलान्कन्नी चर्च, आल सेंट्स चर्च, उत्तर प्रदेश में कानपुर मेमोरियल चर्च शामिल हैं।
क्रिसमस पर खासतौर से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय न्यूयॉर्क, अमेरिका, नीदरलैण्ड, अर्जेंटीना, अल्जीरिया, अल्बानिया, आइसलैंड, आयरलैंड, आर्मेनिया, इंडोनेशिया, इक्वेडोर, इज़रायल, इटली, इथियोपिया, इराक, ईक्वीटोरियल गीनिया, ईरान, ईरीट्रिया, उज्बेकिस्तान, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, कज़ाकिस्तान, कनाडा, न्यूजीलैंड, अफ्रीकी गणराज्य, केन्या, केप वर्दे, कैमरून, कोलोंबिया, कोसोवो, कोस्टा रीका, गुयाना, गैबॉन, गैम्बिया, ग्रीनलैंड, डेनमार्क, ग्रीस, जर्मनी, जापान, जाम्बिया, ज़िम्बाब्वे, जॉर्जिया, टुवालु, टोंगा, टोगो, ट्यूनीशिया, डोमिनिका, तंजानिया, ताईवान, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, निकारागुआ, नीदरलैंड, नेपाल, नॉर्फोक द्वीप, नॉर्वे, न्यू कैलेडोनिया, न्यूज़ीलैंड, पनामा, पश्चिमी सहारा, पाकिस्तान, पापुआ न्यू गीनिया, पालाउ, पुर्तगाल, फिनलैंड, फिलिस्तीन, फिलीपींस, फीजी, फॉकलैण्ड, फ़्रांस, बेलारूस, बेल्जियम, बोत्स्वाना, बोलीविया, ब्राज़ील, ब्रिटिश वर्जिन द्वीप, भारत, भूटान, मंगोलिया, मकाउ, मलेशिया, माँटसेराट, माँटेनीग्रो, माइक्रोनेशिया, माडागास्कार, मार्शल द्वीप, मालदीव, माल्टा, मिस्र, मेक्सिको, मैसेडोनिया, मॉरिशस, मॉल्दोवा, मोज़ाम्बीक, रूसी संघ, रोमानिया, लाइबेरिया, वैटिकन शहर, श्रीलंका, संयुक्त राजशाही ब्रिटेन, सिंगापुर, सेंट पियरे, सेंट बार्थेलेमी, सेंट मार्टिन, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट एवं ग्रेनैडाइंस, सेंट हेलेना, सेनेगल, सेशाइल्स, स्पेन, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्वाजीलैंड, स्विट्ज़रलैंड, स्वीडन, हंगरी, हाँगकाँग जैसे देशों में धूमधाम से शुरू हो गया है। प्रभु येशु के जन्म स्थान बैथलहम में बड़े उत्सव का माहौल है।