Tuesday 5 January 2016 02:24:24 AM
दिनेश शर्मा
स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम के अत्यंत संघर्षपूर्ण जीवन के आज आठ साल पूरे हुए। धन्यवाद मित्रों! स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम हिंदी दैनिक समाचार पोर्टल को उसके आठ साल में आपने जो सहयोग, समर्थन, प्यार और उत्साह दिया, उसके लिए आपका कोटि-कोटि धन्यवाद! आज का दिन हमारे लिए जिम्मेदारियों के एहसास, कर्तव्यबोध और अपनी गलतियों पर सर्तक होने का तो है ही भावनाप्रधान दिन भी है, क्योंकि अत्यंत विषम और संघर्ष में स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम का जन्म हुआ। इस यात्रा में हमने जो दौर देखा है और देखते आ रहे हैं, हम उसका वर्णन नहीं कर सकते और यदि आपका प्रोत्साहन हमारे साथ न होता तो सच बताएं कि हम न जाने कितनी बार गिरे हैं, मरे हैं और ज़िंदा हुए हैं।
स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम की यह संघर्ष यात्रा अवसादों और चुनौतियों, अपमान और उपेक्षा के दलदल और दावानल से कम नहीं है। जीवन-मरण का दौर जहां एक तरफ संकटों में जीना सिखाता है, वहीं अपने और पराए का भी भान कराता है। स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम की यह यात्रा जब शुरू हुई थी, तब तकनीकी जानकार भी हिंदी वेब मीडिया का नाम सुनकर मुंह सिकोड़ते थे। किसी से बात कीजिए तो चेहरे पर उपेक्षाभाव दिखता था, लेकिन इस स्थिति में आपने हमें और भी ज्यादा मजबूत किया और पिछले दो साल में आपने लोकप्रियता से हमारी झोली भर दी। वर्ष 2014 में आपने करीब ढाई करोड़ हिट्स दिए तो 2015 में आपने साढ़े तीन करोड़ के भी पार हिट्स देकर स्वतंत्र हिंदी समाचार पोर्टल में स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम का परचम लहराया है। आप हमारे सवा तीन लाख से ज्यादा यूनीक विज़िटर हैं, जिसे हम स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम का सर्कुलेशन कह सकते हैं। आपने हमें तीन सौ छियासठ जीबी के पार बैंडविथ स्पेस में पहुंचाया है, सुंदर, उत्साही शिक्षाप्रद सुझावों, जानकारियों और बहुमूल्य कमेंट दिए हैं, हमें और क्या चाहिए?
मित्रों! आपके सहयोग और प्यार ने हमें इतना अभीभूत किया है कि उसकी प्रशंसा करते हुए अभी भी हमारा मन नहीं भर रहा है। आपने हमें लावलश्कर संपन्न देश के नामी-गिरामी कहे जाने वाले हिंदी समाचार पोर्टलों के सामने जिस हनक से स्थापित किया है, वह अकथनीय है। अहंकार वाली बात नहीं है, मगर कहेंगे कि कंटेंट की गुणवत्ता के मामले में हम किसी से पीछे नहीं रहे हैं। गूगल पेज रैंक चेकर में जाईए और हमारा यूआरएल डालकर खुद ही चेक कर लीजिएगा कि गूगल ने बड़े-बड़े नामधारियों के सामने हमें वैरी स्ट्रॉंग रिर्माक दिया है। यह तब है, जब औरों के पास बड़े-बड़े दिग्गज़ नामधारी मौजूद हैं और हम केवल कुछ हैं और बाकी हमारे साथ है आप लोगों का उत्साह और बेशकीमती साथ। बहुतेरे हमसे गाहे-बगाहे पूछा करते हैं कि पोर्टल कैसे चलाते हो, अभी तक तो हमारा उत्तर होता है कि घिसट-घिसटकर और रो-रो कर। जब आपके पास क्षमता नहीं है और भारत में हिंदी वेब मीडिया को कोई नहीं पूछता है तो आप काहे मर रहे हैं? हम कह देते हैं हिंदी के लिए मर भी जाएंगे तो जग सूना नहीं हो जाएगा, हम अपने देश की सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन हिंदी पत्रकारिता ने हमें जन्म दिया है तो इसके लिए तो प्राण भी न्यौछावर हैं।
स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम ने इसी हिम्मत से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, क्योंकि आपका साथ है और यह साथ आज हमें इस मुकाम तक लेकर आया है कि अब हमने तूफानों और पर्वतों से टकराना सीख लिया है। आज देश-दुनिया में सोशल मीडिया का डंका बज रहा है। आज बड़े-बड़े दिग्गज़ अपने मीडिया हब की रणनीतियां बदलने में लग गए हैं। युवा सौ फीसदी ऑनलाइन हैं। वेब मीडिया के बिना राजनीतिज्ञों कार्पोरेट और बाज़ार का काम चलने वाला नहीं है। यह वह ताकत है कि जिसे चाहेगी आसमान पर बैठाएगी और जिसे चाहेगी ज़मीन पर पटक देगी। मठाधीश चैनलों की मनमानी को इसी ने रोका है। जिनके पास कलम है, उनकी यह दुनिया है और जिनके पास जुगाड़ है, उनका कोई भविष्य नहीं है। कलम की असली जंग शुरू हो चुकी है और यह कलम उन कारकों को उखाड़ फेंकेगी, जिन्होंने अपनी किसी भी तरह की ताकत के बल पर जनसामान्य को खून के आंसू पीने को मजबूर किया है। हिंदी वेब मीडिया की कलम की ताकत स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में पहुंच चुकी है, इसलिए अब केवल वही मैदान में होगा, जिसके पास कलम होगी। मीडिया की कलम से खेलने वाले सावधान हो जाएं और जान लें कि दुनिया में एक तीसरी शक्तिशाली मीडिया क्रांति का उदय हो चुका है, जो जनसामान्य की असली ताकत है।
स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम आज अपने विस्तार के दौर में भी कदम रख चुका है और जल्द ही स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम के होमपेज पर आप स्वतंत्र आवाज़ टीवी का पेज भी देखेंगे। इसमें वह सब होगा, जो आप समाचार चैनलों पर देखते हैं। हमारी यह कार्य योजना तेजी से मूर्तरूप ले रही है। स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम ने पत्रकारिता के धर्म और विषय-वस्तु की गुणवत्ता से कोई भी समझौता नहीं किया है, जिसके लिए देश का मीडिया अपनी विश्वसनीयता को लेकर हर किसी की जली-कटी सुन रहा है। सच तो यह है कि जनसामान्य को मीडिया के अधिकांश हब बिकाऊ मीडिया की धारणा के साथ बहुत निराश कर रहे हैं। हमारी वचनबद्धता है कि हम किसी के खिलाफ नही लिखेंगे बल्कि उसके बारे में लिखेंगे, क्योंकि हम खिलाफ लिखकर पार्टी नहीं बनेंगे, बल्कि किसी के बारे में लिखकर अपने पत्रकारिता धर्म का पालन नहीं छोड़ेंगे। किसी के बारे में लिखना पत्रकारिता है और किसी के खिलाफ लिखना पत्रकारिता का विध्वंस होता है।
स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम यह दावा नहीं करता कि यह क्रांति हम ही लाएंगे और न ही पत्रकारिता के हम झंडाबरदार हैं पर स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम ने हमें जो हौसला दिया है, हमें जो सदमार्ग दिखाया है उसके साथ ही आज हम स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम के नौवे वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। हम गलतियों से बचेंगे और यदि हमसे जाने-अनजाने में कोई गलती हो जाए तो हमें मानवीय आधार पर क्षमा कीजिएगा। आपका समर्थन और अनवरत सहयोग वर्ष 2016 में हमें और भी आगे ले जाएगा, अगले साल आज ही के दिन यानी 2017 में हम अपनी सच्चाईयों, गलतियों और उपलब्धियों के साथ फिर मिलेंगे।