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Thursday 7 January 2016 03:51:19 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने दादामियां के 108वें उर्स पर उनकी मजार पर चादरपोशी कर देश एवं प्रदेश के अमन-चैन एवं खुशहाली के लिए दुआएं मांगी। राज्यपाल ने दादामियां के जीवन पर आधारित पुस्तक 'एजाज-ए-जहांगीरी' का लोकार्पण भी किया। दादामियां के जीवन पर आधारित यह पुस्तक उर्दू भाषा में है, जिसपर राज्यपाल ने कहा कि इसका भाषांतरण हिंदी में भी होना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके बारे में जानकारी करके लाभांवित हो सकें। पुस्तक 'एजाज-ए-जहांगीरी' के हिंदी संस्करण का लोकार्पण राजभवन में भी किया जा सकता है, राजभवन में अनेक प्रकार के ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन और पुस्तकों का विमोचन हो चुका है। दरगाह पर सज्जादा नशीन दरगाह दादामियां ख्वाज़ा सबाहत हसन शाह सहित भारी संख्या में जायरीन उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि दादामियां की मजार आकर मन को शांति मिलती है तथा बरबस मुंबई में हाजी अली दरगाह की याद भी आ जाती है, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को देखकर कोई यह फर्क नहीं कर सकता कि कौन हिंदू समुदाय का है और कौन मुस्लिम समुदाय से है। राम नाईक ने कहा कि मन की शांति के लिए कोई मंदिर जाता है, कोई मस्जिद जाता है तो कोई गिरिजाघर एवं गुरूद्वारा जाता है। उन्होंने कहा कि गीता हो, कुरान, बाईबिल या अन्य धार्मिक ग्रंथ हों, सभी में मानवता से प्यार करना बताया गया है, सब मिलकर देश में एकता, शांति और प्यार बनाए रखें, ऐसे श्रद्धा के स्थान से पूरे देश में यही संदेश जाना चाहिए। राज्यपाल ने इस अवसर पर आयोजित महफिलें समां में कव्वाली भी सुनीं।