इरशाद चौधरी
Monday 04 February 2013 06:59:05 AM
देहरादून। 31 जनवरी को देहरादून की जामा मस्जिद पल्टन बाज़ार में डिजिटल कुरआन रीडपेन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें इंपोर्टेड कुरआन रीडपेन(एनमेक कंपनी मलेशिया) निर्मित डिजिटल कुरआन रीडपेन को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देहरादून के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद थे। कार्यक्रम में आकाश इंटरनेशनल (मेरठ) भारत के कोआर्डीनेटर इरशाद चौधरी ने कुरआन रीडपेन को दिखाते हुए इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इरशाद चौधरी ने बताया कि डिजिटल इंक से तैयार इस कुरआन को रीडपेन के जरिये दुनिया के बेहतरीन 18 कारियों की अलग-अलग आवाज़ों में सुना, सीखा जा सकता है, इसके अलावा कुरआन को तफसीर के साथ उर्दू सहित दुनियाभर की 25 ज़ुबानों में सुना जा सकता है। कुरआन को एक-एक लब्ज,आयत के अलावा पूरी सूरत को एक साथ सुनने का भी जरिया दिया गया है। बैटरी चलित रीडपेन केजरिये लोग कुरआन को सुन, पढ़ व सीख सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इससे पहले यह सिर्फ अरब देशों में उपलब्ध थी। भारत में इसकी शुरूआत पिछले साल 11 दिसंबर को मेरठ की सरज़मीं से की गई, जबकि 31जनवरी 2013 को उत्तराखंड के देहरादून शहर से शहर काज़ी मोहम्मद अहमद के हाथों से कराई गई। इस मौके पर शहर काज़ी ने कुरआन के बारे में कहा कि इसे हर मुसलमान को पढ़ना चाहिए। इस जदीद टैक्नलॉजी के जरिए मुसलमान लफजों की अदायगी व तलफुज सही कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मुसलमानों को आगे आना चाहिए। इस मौके पर मुख्य रूप से नदीम अहमद, लईक अहमद, इरशाद, मोहम्मद शाह नज़र,आसिफ आदि मौजूद थे।