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Sunday 10 January 2016 11:26:19 AM
जौनपुर। उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति सभागार में शनिवार को सम्मेलन हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता कुलाधिपति और राज्यपाल राम नाईक ने की। सम्मेलन में कुलपतियों को नववर्ष एवं मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कुलाधिपति और राज्यपाल ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि वर्ष 2015 के प्रारंभ में कुलपतियों एवं कुलसचिवों के साथ हुई बैठक में उच्च शिक्षा सुधार के निमित्त जो निर्णय लिये गये थे, उनके सामंजस्यपूर्ण अनुपालन के फलस्वरूप शैक्षिक सत्र 2014-15 की परीक्षाएं सही समय पर कराने एवं उनके परीक्षा परिणाम घोषित करने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया, छात्रवृत्ति आवेदनों का पंजीकरण, परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन एवं अभिलेखों को पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन डिजिटाइजेशन के अभिनव प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में दीक्षांत वेशभूषा में परिवर्तन कर भारतीय वेशभूषा अपनाते हुए 10 विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह बड़े ही अच्छे ढंग से सफलतापूर्वक सम्पादित कराये जा चुके हैं।
कुलाधिपति राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए निरंतर प्रयास जारी रखना जरूरी है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद/ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद/ ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन आदि से विश्वविद्यालयों/ संस्थान का मूल्यांकन कराने की प्रक्रिया सभी ने प्रारंभ की है, इस दिशा में दीनदयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर, डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, महात्मा ज्योतिबाफुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर तथा वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर नैक से द्वितीय चक्र तथा डॉ राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय फैजाबाद द्वारा प्रथम चक्र के मूल्यांकन के लिए प्रतिवेदन पर नैक स्तर पर कार्यवाही प्रचलन में है। उन्होंने शेष विश्वविद्यालयों से भी अपेक्षा की है कि वे सभी इस कार्यवाही को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि 2015 में भ्रष्टाचार के आरोप में एक कुलपति एवं एक कुलसचिव को निलंबित किया गया, तथा उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही संस्थित की गयी जो वर्तमान में चल रही है। उन्होंने सभी से अपेक्षा की है कि पारदर्शिता एवं निष्ठा से अपने दायित्वों का निर्वहन करें, ताकि किसी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिए बाध्य न होना पड़े।
राम नाईक ने कहा कि राजभवन में 27 जुलाई 2015 को आयोजित बैठक में बताया गया था कि अधिकांशतः परीक्षा परिणाम घोषित किये जा चुके हैं तथा अंकतालिकाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं, लेकिन राजभवन में छात्र/छात्राओं की ओर से प्राप्त पत्रों से ऐसा प्रतीत होता है कि वास्तविक स्थिति भिन्न है। उन्होंने कहा कि मार्कशीट एवं उपाधियां सही समय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त मूल्यांकन प्रक्रिया के निर्धारण हेतु कुलपति आगरा विश्वविद्यालय को निर्देशित किया गया था, परंतु उन्होंने इस संदर्भ में अभी तक प्रगति से अवगत नहीं कराया है। उन्होंने कहा कि स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शासनादेश 15 जुलाई 2015 को जारी किया जा चुका है, जिससे अधिकांश समस्याओं का निराकरण हो गया है, इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को धन्यवाद दिया। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि विश्वविद्यालय में समस्याओं के निराकरण के निमित्त सप्ताह में कोई दिन एवं समय आगंतुकों हेतु निर्धारित किया जाए, लेकिन दिन प्रतिदिन विचाराधीन पत्रों की बढ़ती संख्या से ऐसा लगता है कि अभी भी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है, कतिपय विश्वविद्यालयों के ई-मेल, टेलीफोन एवं फैक्स भी प्रभावी ढंग से कार्य नहीं करते, जो कि नितान्त गंभीर विषय है।
राज्यपाल ने कहा कि कतिपय विश्वविद्यालयों ने परिनियमों में बिना प्रावधान एवं अध्यादेशों के अनुमोदन के बगैर ही पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले लिया है, जिससे विद्यार्थियों को परीक्षाओं से वंचित होने जैसी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है अतः यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पाठ्यक्रम परिनियमों में व्यवस्था तथा यथाआवश्यक अध्यादेश पारित होने के बाद ही प्रारम्भ किये जाएं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदो को भरने के संबंध में विश्वविद्यालय एवं शासन से आवश्यक कार्रवाई किये जाने की अपेक्षा की जाती है, इसी प्रकार विश्वविद्यालयों से सम्बद्धता प्राप्त करने वाले आवेदनों की समय सारिणी इस तरह निर्धारित किये जाने की आवश्यकता है कि नये शैक्षिक सत्र के प्रारम्भ होने के पूर्व शत-प्रतिशत पारदर्शी तरीके से प्रक्रिया पूर्ण की जा सके। उन्होंने कहा कि कतिपय विश्वविद्यालयों में गठित कार्य परिषद के सदस्य यह संज्ञान में लाए हैं कि बैठकों के निर्णयों का अंकन बैठक में लिये गये निर्णयों के अनुरूप कार्यवृत्त में नहीं किया जाता है अतः बैठकों की रिकार्डिंग कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि राजभवन से संदर्भित प्रकरणों के ससमय निस्तारण के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर एक नोडल विभाग नामित करते हुए पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में सेल का गठन सुनिश्चित किया जाए।
कुलाधिपति ने कहा कि श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की श्रेणी में आने के लिए आवश्यक है कि विश्वविद्यालयों में शोध की दिशा एवं दशा सुधारने के लिए समग्र रूप से प्रभावी कदम उठाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में लोकतांत्रिक प्रणाली को सुनिश्चित करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए आगरा विश्वविद्यालय, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय एवं काशी विद्यापीठ वाराणसी में छात्रसंघ चुनाव कराये गये हैं, भविष्य में अन्य विश्वविद्यालयों से भी आगामी शैक्षिक सत्र के प्रारंभ में छात्रसंघ चुनाव कराया जाना अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में नैक मूल्यांकन, ई-गर्वनेंस, दशमोत्तर छात्रवृत्ति प्रतिपूर्ति, विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, बार कोड आधारित डिग्रियों का मुद्रण, चांसलर अवार्ड एवं विश्वविद्यालय निकायों की स्थापना आदि प्रमुख मुद्दों पर सारगर्भित निर्णय लिया जाए, जिन्हें लागू कर हम प्रदेश की उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने में सफल हो सकेंगे। राज्यपाल के आगमन पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। उन्होंने महात्मा गांधी एवं वीर बहादुर सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। विश्वविद्यालय के सरस्वती भवन के सेमिनार हाल में कुलाधिपति एवं प्रमुख सचिव कुलाधिपति ने दीप प्रज्जवलित कर सरस्वती माँ की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीयूष रंजन अग्रवाल ने कुलाधिपति/ राज्यपाल और सम्मेलन में आए कुलपतियों, प्रमुख सचिव कुलाधिपति, अतिथियों का स्वागत किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीयूष रंजन अग्रवाल ने कुलाधिपति को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम् भेंट किया। कुलपति सम्मेलन के पश्चात कुलाधिपति ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में ई-लाइब्रेरी एवं ग्रंथालय का अवलोकन किया। उन्होंने भारत सरकार से प्राप्त संविधान की प्रति का भी अवलोकन किया एवं लाइब्रेरी की विजिटर बुक पर अपने विचार अंकित किये। इस अवसर पर कुलपतियों एवं अधिकारियों ने कुलाधिपति/ राज्यपाल के साथ ग्रुप फोटोग्राफी भी करायी। विश्वविद्यालय के उद्यान में राज्यपाल ने आंवले का पौधा लगाया।