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Wednesday 20 January 2016 01:12:41 AM
गुवाहाटी। असम में खासतौर से युवाओं में अपने प्रति आकर्षण से अभिभूत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईआईटी गुवाहाटी के परिसर की आधारशिला हेतु पट्टिका का अनावरण किया। इस अवसर पर पूर्वोत्तर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और एनआईटी के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है, इतिहास में जब भी ज्ञान दुनिया की प्रेरक शक्ति रहा है, भारत ने उसका नेतृत्व प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि आज भारत जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया में सबसे युवा देश है और युवाओं के सपने ऊर्जा से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में एक बार फिर अग्रणी भूमिका निभाने की दृष्टि से यह भारत के लिए अब एक चुनौती और अवसर दोनों ही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ज्यादातर वैश्विक आर्थिक सर्वेक्षणों के अनुसार भारत ही सबसे तेज़ी से विकास करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सोच-समझकर उठाए गए विभिन्न कदमों के जरिए युवाओं पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने इस अवसर पर कौशल विकास, मेक इन इंडिया पहल और स्टार्ट-अप अभियान की दिशा में सरकार के प्रयासों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उपकरणों के निर्माण का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा काफी उत्साहजनक और सफल रहा। पूर्वोत्तर के युवाओं में नरेंद्र मोदी के प्रति आकर्षण देखा गया। पूर्वोत्तर के युवाओं को नरेंद्र मोदी से बहुत आशा है। उल्फा नेता अनूप चेतिया को लेकर भारत सरकार की जो शांति पहल हुई है, उसका सकारात्मक असर देखने को मिला है। बांग्लादेश से भारत लाए गए उल्फा नेता अनूप चेतिया ने हाल ही में असम के लोगों से अतीत में अपने किए पर माफी मांगी है, जिससे लगता है कि असम में कोई नई राजनीतिक प्रक्रिया शुरू होने वाली है और इस बात का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक दृष्टि को जाता है, जो असम को शांति के पथ पर लाने के लिए कटिबद्ध हैं। उल्फा ने भी भारत सरकार से अनुरोध किया है कि बांग्लादेश से स्वदेश लाए गए अलगाववादी उल्फा नेता अनूप चेतिया को भी शांति प्रक्रिया में शामिल किया जाए और भारत सरकार का इस पर सकारात्मक रुख सामने आया है।
ज्ञातव्य है कि हाल ही में दिल्ली में गृह मंत्रालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ उल्फा नेताओं की एक बैठक हुई थी, जिसमें अनूप चेतिया को भारत लाने के भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उल्फा नेताओं ने अनूप चेतिया को शांति प्रक्रियाओं में शामिल करने का आग्रह किया था। केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने भी भारत सरकार के प्रतिनिधियों को उल्फा नेताओं के अनुरोध पर विचार करने का सुझाव दिया था। यह बातचीत काफी सौहार्दपूर्ण थी, जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि असम में उल्फा के साथ कुछ राजनीतिक वातावरण विकसित होने जा रहा है और अनूप चेतिया के असम के लोगों से माफी मांगने से यह बात पुष्ट होती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में कोई राजनीतिक पहल की है। प्रधानमंत्री का असम दौरा अपने आप में एक बड़ा संदेश देता है और इससे आशा पैदा होती है कि अनूप चेतिया राजनीति की मुख्यधारा में शामिल होंगे। यहां के युवाओं ने जिस तरह नरेंद्र मोदी का स्वागत किया उससे लगता है कि असम में उनके प्रति सहानुभूति और आकर्षण है।
असम में उल्फा का साथ यद्दपि एक जटिल मुद्दा है तथापि पूर्वोत्तर की शांति के लिए यह अच्छी सकारात्मक शुरूआत मानी जा रही है और इसकी संभावना बढ़ गई है कि अनूप चेतिया को शांति प्रक्रिया के रास्ते राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर मिल सकता है। भारत सरकार के गृह सचिव राजीव महर्षि ने उल्फा नेताओं के सुझाव पर ध्यान दिया है और उन्होंने सरकार के प्रतिनिधियों से कहा भी है कि वे उल्फा के सुझाव पर विचार करें। इससे इस संभावना को बढ़ावा मिलता है कि अनूप चेतिया का प्रत्यर्पण उद्देश्यपूर्ण है और भारत सरकार इसमें किसी राजनीतिक समाधान पर भी सोच रही है। पूर्वोत्तर में अगर यह रणनीति सफल होती है तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफलताओं में एक बड़ी उपलब्धि कहलाएगी।