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Tuesday 9 February 2016 06:21:39 AM
लखनऊ। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ ने सशस्त्र सीमा बल फ्रंटीयर मुख्यालय लखनऊ में इग्नू के कार्यक्रमों से संबंधित शैक्षणिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया। कार्यक्रम में सशस्त्र सीमा बल में कार्यरत लगभग 300 अधिकारियों एवं जवानों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए सशस्त्र सीमा बल के महानिरीक्षक वीएच देशमुख ने अधिकारियों एवं जवानों के समक्ष दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डाला और उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे इग्नू के संचालित कार्यक्रमों में अपना नामांकन करवाएं और इन कार्यक्रमों का लाभ उठाएं। सशस्त्र सीमा बल के कमांडेंट एसके सिंह ने भी अधिकारियों एवं जवानों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अपने ज्ञान एवं कौशल को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
इग्नू क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ की निदेशक डॉ मनोरमा सिंह ने इग्नू के विविध पाठ्यक्रम कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। डॉ मनोरमा सिंह ने बताया कि इग्नू के नियम काफी लचीले हैं और एसएसबी में कार्यरत अधिकारियों एवं जवानों का स्थानांतरण देश में किसी अन्य स्थान पर हो जाता है तो भी उनका अध्ययन केंद्र उस स्थान पर आवंटित कर दिया जाएगा, जिससे उनका अध्ययन सुचारू रूप से चल सके। उन्होंने इग्नू की विद्यार्थी सहायता सेवाओं की चर्चा की और बताया कि यदि सशस्त्र सीमा बल के अधिकारी एवं जवान इग्नू के कार्यक्रमों में अपना नामांकन करवाते हैं तो इग्नू उन्हें मोबाइल अध्ययन केंद्र के माध्यम से परामर्श कक्षाएं उनके कार्यक्षेत्र में उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा। उन्होंने उल्लेख किया कि इग्नू एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जिसका गठन 1985 में संसद के एक अधिनियम के तहत हुआ था, तब से आज तक यह शिक्षार्थियों के द्वार तक गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
इग्नू के सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ कीर्ति विक्रम सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है, जिसका उद्देश्य शिक्षा का सार्वभौमिककरण करना है, इसके लिए इग्नू ने अपने अध्ययन केंद्र देश के कोने-कोने में स्थापित किए हैं, इन अध्ययन केंद्रों के माध्यम से इग्नू विद्यार्थियों को सहायता सेवाएं प्रदान कर रहा है। इग्नू के सहायक क्षेत्रीय निदेशक अंशुमान उपाध्याय ने इग्नू के संचालित प्रमाण-पत्र कार्यक्रमों जैसे मानव तस्करी, आपदा प्रबंधन एवं मानवाधिकार के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने मानव तस्करी में प्रमाण-पत्र कार्यकम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रमाण-पत्र कार्यक्रम का निर्माण भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं इग्नू ने किया है, जिसका संचालन दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से किया जाता है।
अंशुमान उपाध्याय ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षार्थियों को मानव तस्करी की रोकथाम के बारे में जागरूकता और व्यापक समझ प्रदान करना है एवं शिक्षार्थियों में विभिन्न हितधारकों, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मानव तस्करी की प्रक्रिया से जुड़ी एजेंसियों के बारे में कार्यात्मक समझ और समन्वय विकसित करना। जागरूकता कार्यक्रम का समापन ट्रेनिंग कमांडेंट जेएन वर्मा ने अधिकारियों, गणमान्य नागरिकों का आभार प्रदर्शन एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।