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Monday 22 February 2016 12:30:52 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ मुलायम खानदान को जब मन आया गरियाते और बदले में सपा सरकार से पैकेज वसूलते दिल्ली जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अहमद बुखारी ने लखनऊ में सरकार को खरी खोटी सुनाने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक ज्ञापन भी सौंपा। अतीत गवाह है कि इमाम मौलाना अहमद बुखारी हों या सपा सरकार में काबीना मंत्री मोहम्मद आजम खां मुलायम खानदान इनकी बयानबाज़ी के सामने घुटने टेकता और सफाई देता नज़र आया है, कल भी मुलायम परिवार इमाम बुखारी की धमकी के सामने दंडवत दिखाई दिया और राज्य के स्टार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इमाम के सामने मुसलमानों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों की दुहाई देते नज़र आए।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात के पहले मौलाना अहमद बुखारी ने प्रेस से कहा था कि मुसलमानों से किए वायदे पूरे करने के लिए सपा सरकार को तीन महीने का समय दिया है और एक तरह से धमकी दी कि यदि सपा सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है तो मुसलमान किसी अन्य पार्टी के साथ जाने को मजबूर होंगे। अहमद बुखारी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को अपनी धमकी में लेते हुए कहा था कि उनकी उनसे कई बार बात हुई, लेकिन वे अपने वायदों पर कभी भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, इसलिए तीन महीने बाद अगली रणनीति की घोषणा की जाएगी। मौलाना बुखारी का मुलायम सिंह यादव पर यह हमला तब है, जब सपा सरकार अहमद बुखारी के आगे पीछे नाचती रहती है और उनके हर काम करती है। अहमद बुखारी ने कहा कि बाबरी मस्जिद पर उन्होंने जो बयान दिया था, उससे मुसलमान आहत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सपा और बीजेपी आपस में मिलकर काम कर रहे हैं, क्योंकि सरकार ने अयोध्या में चौरासी कोसी परिक्रमा को इसलिए रोकना चाहा, ताकि इसका बीजेपी को लाभ मिले।
सपा सरकार और मुलायम सिंह यादव पर हमले करने के बाद इमाम अहमद बुखारी अपने लोगों के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे ही थे कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनके आरोपों पर गिड़गिड़ाते हुए सफाई देने लगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, राज्य सरकार अल्पसंख्यकों की तरक्की और भलाई के लिए लगातार काम कर रही है तथा उनकी सुरक्षा और कल्याण के लिए अनेक फैसले लेकर उन्हें लागू किया गया है। उन्होंने मौलाना अहमद बुखारी को बताया कि विकास प्रक्रिया में अल्पसंख्यक समुदाय की बराबर की भागीदारी के लिए विभिन्न विभागों की संचालित योजनाओं में उनके लिए 20 प्रतिशत का मात्राकरण किया गया है। अखिलेश यादव ने कहा कि अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की बेहतर शिक्षा के लिए बहुउद्देशीय एजुकेशनल हब की स्थापना हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में 70 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, लगभग साढ़े सात हजार मदरसों के आधुनिकीकरण की मंजूरी के साथ ही अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाएं भी संचालित हैं।
मुख्यमंत्री ने मौलाना अहमद बुखारी को सफाई दी कि प्रतियोगी एवं व्यावसायिक परीक्षा की तैयारी करने वाले अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को कोचिंग हेतु आर्थिक सहायता मुहैया करायी जा रही है। उन्होंने मौलाना के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड खोल रखा था और उन्हें बता रहे थे कि वर्ष 2015-16 में 100 अरबी-फारसी मदरसों को अनुदान सूची पर लिया गया है तथा 46 मदरसों को अनुदान सूची पर लिए जाने की कार्रवाई चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक कब्रिस्तानों, अंत्येष्टि स्थलों की सुरक्षा के लिए चहारदीवारी निर्माण की योजना संचालित है। आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में इस योजना हेतु धनराशि को 200 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के हथकरघा बुनकरों के लिए पेंशन योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में 30 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है, अल्पसंख्यक अभिभावक की दो पुत्रियों के विवाह हेतु आर्थिक सहायता योजना संचालित है, हज यात्रियों की सुविधा के लिए लखनऊ और गाजियाबाद में हज हाउस का निर्माण कराया गया है वगैरह-वगैरह-वगैरह।