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Thursday 25 February 2016 04:03:15 AM
नई दिल्ली। राज्य अल्पसंख्यक आयोग का एक दिवसीय वार्षिक सम्मेलन दिल्ली में हुआ, जिसका उद्घाटन करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ नजमा हेपतुल्ला ने केंद्र सरकार के ध्येय 'सबका साथ, सबका विकास' के साथ समावेशी विकास पर जोर देते हुए कहा कि एक संघीय प्रणाली में केंद्र योजना बना सकता है, लेकिन उसके क्रियांवयन की जिम्मेदारी राज्यों पर है। उन्होंने सम्मेलन से विभिन्न योजनाओं के क्रियांवयन की निगरानी के लिए तरीके ढूंढने को कहा। डॉ नजमा हेपतुल्ला ने भागीदारों से एक अधिक जिम्मेदार, सतर्क एवं एक ऐसी प्रणाली का ईजाद करने की भावना विकसित करने की अपील की, जिसमें राज्य और केंद्र आपस में प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि एक दूसरे को सहयोग करें।
डॉ नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि उनका मंत्रालय शिक्षा एवं कौशल विकास के माध्यम से अल्पसंख्यकों को अधिकार संपन्न बनाने पर फोकस कर रहा है। डॉ हेपतुल्ला ने कहा कि हज विभाग अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय को हस्तांतरित किया जा रहा है, इस बारे में सैद्धांतिक रूप से निर्णय ले लिया गया है, केवल इसके क्रियांवयन के तौर तरीकों पर काम किया जा रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले एवं संसदीय मामले राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी इस मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों का विकास सरकार का ‘राष्ट्र धर्म’ है। उन्होंने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' एक राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए एक प्रतिबद्धता है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों की सामाजिक, आर्थिक-शैक्षणिक अधिकारिता के लिए इस प्रतिबद्धता के साथ उठाए गए कदमों ने जमीनी स्तर पर परिणाम देना प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों की अधिकारिता के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जिनमें 'प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम', 'बहु क्षेत्रवार विकास कार्यक्रम', 'मिशन अधिकारिता', 'सीखो और कमाओ', 'उस्ताद', 'हमारी धरोहर', 'मानस', 'नई मंजिल', 'नई रोशनी' जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं समाज की अंतिम सीढ़ी पर खड़े व्यक्ति को विकास की रोशनी प्रदान करने की दिशा में एक मजबूत कदम हैं।