स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 28 February 2016 04:04:06 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) मुख्यालय पर समेकित ऑपरेशन नियंत्रण कक्ष (आईओसीआर) का उद्घाटन किया। इस नए सिस्टम में घटनास्थल से ऑनलाइन प्राप्त होने वाले आंकड़ों को उपग्रह के चित्रपट के साथ समेकित किया जाता है। इसके बाद बेहतर संयोजन के लिए त्रिआयामी दीवार पर डाला जाता है। नियंत्रण कक्ष को प्रतिक्रया करने में यह संशोधित सिस्टम सक्षम बनाएगा। राजनाथ सिंह ने इस मौक पर भस्काराचार्य इंस्टीट्यूट फॅार स्पेस एप्लीकेशन एंड जियो इंफोरमेटिक्स (बीआईएसएजी) परियोजना का भी उद्घाटन किया। यह खासतौर से गुजरात में काम करने वाला उपग्रह संचार प्लेटफार्म है। सीमा सुरक्षा बल इस सुविधा का प्रयोग सीमा के आउटपोस्ट (बीओपीज) के लिए समर्पित संचार लिंक के रूप में कल्याणकारी, प्रशासनिक और स्वास्थ्य से संबंधित प्रसारणों के लिए करता है।
गृहमंत्री ने इस प्लेटफार्म के जरिये विभिन्न बीओपीज के जवानों को भी संबोधित किया। राजनाथ सिंह ने इसी दौरान बीएसएफ की एक अन्य विकसित परियोजना टेले-मेडिसिन का भी उद्घाटन किया। यह परियोजना सीमा पर दूर-दराज में तैनात उन जवानों के लिए है, जिन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं प्राप्त नहीं होतीं। इस परियोजना के जरिये ऐसे जवानों को अब दिल्ली से सुपर स्पेशलिस्टों की सलाह मिल पाएगी। केंद्रीय मंत्री को इसका डेमो भी दिखाया गया कि इस सुविधा के जरिये कैसे मरीज और डॉक्टर के बीच संबंध स्थापित होता है। केंद्रीय मंत्री ने बीएसएफ मुख्यालय में ‘ए सोल्जरस डायरी’ नामक डाक्यूमेंट्री का विमोचन किया।
डाक्यूमेंट्री में सीमा के जवानों द्वारा की जा रही आत्महत्या पर चर्चा की गई है। इस मुद्दे पर काफी शोध के बाद आत्महत्या के संभावित कारणों और इसके निदान के रूप में एनएफडीसी की मदद से डाक्यूमेंट्री तैयार की गई है। डाक्यूमेंट्री के लक्षित दर्शक घरों में जवानों के परिवार हैं। यह किसी भी केंद्रीय सशस्त्र बल का पहला कदम है। बीएसफ के महानिदेशक डीके पाठक और उनकी टीम के प्रयासों की गृहमंत्री ने सराहना की है। उन्होंने नक्सल प्रभावित राज्यों में कानून- व्यवस्था की समस्या से निपटने और सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने में बल के जवानों के योगदान की भी सराहना की है।