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Tuesday 1 March 2016 10:50:06 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास, पेयजल, स्वच्छता तथा पंचायतीराज मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने बजट को किसान और गांव समर्थक बजट कहा है। उन्होंने कहा कि इस बजट से ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलेगी और ग़रीब लोगों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि पहली बार तीन मंत्रालयों के लिए एक लाख करोड़ से अधिक रुपये निर्धारित किए गए हैं, जिसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय को अकेले 87 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने मनरेगा को नई गति दी है, इसमें धन का आवंटन बढ़ाकर 38,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि पिछले वर्ष में यह आवंटन 34,699 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि अगर कुल राशि खर्च की जाती है तो यह मनरेगा पर खर्च की जाने वाली सबसे अधिक बजट राशि होगी।
बीरेन्द्र सिंह संवाददाताओं से बात कर रहे थे। वे कह रहे हैं कि मनरेगा केवल रोज़गार सृजन के लिए ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता संपन्न धन सृजन के लिए भी है और इसके लिए प्रत्येक पंचायत ने रिकार्ड रखना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि भुगतान में चोरी और विलंब जैसी समस्याओं से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, भुगतान को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से जोड़ा जा रहा है और प्रक्रियाएं सरल बनाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2016 से केरल में आधार को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से जोड़कर मनरेगा के अंतर्गत सभी भुगतान किए गए। इस वर्ष के अंत तक 10 और राज्य प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में अनेक कार्यक्रमों के जरिये सरकार गरीबी से निपटने के प्रयास कर रही है।
ग्रामीण मंत्रालय की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को सबसे सफल योजना बताते हुए बीरेंद्र सिंह ने कहा कि बड़ी बात है कि पहली बार 2016-17 के बजट में 19 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह 2013-14 के वार्षिक आवंटन के दोगुने से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि 2012-13 तथा 2013-14 में तब की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में आवंटन में कमी करके इसे क्रमश: 8,885 करोड़ रुपये तथा 9,806 करोड़ रुपये कर दिया था। उन्होंने कहा कि 4,66,044 किलोमीटर ग्रामीण सड़क नेटवर्क के माध्यम से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने पात्र आबादी (1,78,184) में से 64 प्रतिशत (1,14,540) को सफलतापूर्वक जोड़ दिया है और 2022 के लक्ष्य से तीन वर्ष पहले 31 मार्च 2019 तक सभी ग्रामीण सड़क कार्य पूरे हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में पहले रोजाना 67 किलोमीटर सड़कें बनाई जाती थीं और अब 100 किलोमीटर सड़कें बनाई जा रही हैं।
ग्रामीण आवास के बारे में बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि 2 करोड़ 95 लाख मकान बनाने के लिए सबके लिए आवास की नई योजना की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने मैदानी क्षेत्रों के लिए वर्तमान 70 हजार रुपये की राशि को दोगुना करने और पवर्तीय तथा कठिन क्षेत्रों में 75 हजार रुपये की राशि को दोगुना करने का प्रस्ताव किया है। इस वर्ष के बजट में 15 हजार करोड़ रुपये इंदिरा आवास योजना के लिए निर्धारित किए गए हैं, यह योजना के लिए अब तक का सबसे अधिक आवंटन है। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि नई आवास योजना के साथ बीपीएल-एपीएल के अंतर को समाप्त कर दिया जाएगा और नए एसईसीसी डाटा के आधार पर लाभार्थियों को रकम दी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने हाल में 300 ग्राम कलस्टर विकसित करने के लिए अरबन मिशन लांच किया, इसके लिए 5 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
स्वच्छ भारत मिशन की चर्चा करते हुए बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि 2 अक्टूबर 2014 को इस योजना को लांच किए जाने के बाद से 29 फरवरी 2013 तक 156.73 लाख शौचालय बनाए गए हैं, इसमें मनरेगा के अंतर्गत बनाए गए 9.51 लाख शौचालय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 के लिए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए 9 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, यह 2013-14 के 2300 करोड़ रुपये के आवंटन से 291 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि 29 फरवरी 2016 तक 9 जिलों, 158 ब्लॉकों तथा 48,804 गांवों ने स्वयं को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। सिक्किम देश का पहला राज्य है, जिसने खुले में शौच से मुक्ति की घोषणा की थी। बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि 4 लाख हेक्टेयर से अधिक सूखी जमीन को इस वर्ष सिंचाई के अंतर्गत लाया जाएगा, इससे कृषि आय में वृद्धि होगी। इस मौके पर ग्रामीण विकास राज्यमंत्री सुदर्शन भगत, पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री रामकृपाल यादव और पंचायतीराज राज्यमंत्री निहालचंद भी मौजूद थे।