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उर्दू टीचरों के अभाव में पढ़ाई ठप

बुलंद मस्जिद के स्कूल में टीचर की समस्या

'मुसलमान मुल्क का वफादार है और रहेगा'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 10 March 2016 02:32:23 AM

teacher's problem at the school of buland masjid

नई दिल्ली। बुलंद मस्जिद शास्त्री पार्क दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उर्दू अकादमी के चेयरमैन माजिद देवबंदी से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि बुलंद मस्जिद शास्त्री पार्क के स्कूल की दोनों पालियों में लगभग 4000 बच्चों पर उर्दू के सिर्फ दो अध्यापक हैं, जिससे उर्दू की पढ़ाई लगभग ठप है, लिहाजा इस स्कूल को और उर्दू शिक्षक दिए जाएं, ताकि बच्चों की उर्दू की शिक्षा सही प्रकार से हो सके। उर्दू अकादमी के चेयरमैन माजिद देवबंदी ने इस चिंता से अपने को जोड़ते हुए भरोसा दिया कि वह इस मांग को सरकार के सामने रखेंगे और वह इसमें हर तरह से मदद को तैयार हैं।
इस मौके पर सामाजिक विषयों पर भी चर्चा हुई और सामाजिक कार्यकर्ता शेख मोहम्मद आसिम ने कहा कि देश में नफरत की आग भड़काने वालों को समझना चाहिए कि नफरत की राजनीति देश और देशवासियों के लिए नुकसानदायक है, जिससे देश काफी समय से नुकसान उठा रहा है। शेख मोहम्मद आसिम ने कहा की आज हमारे देश को एकता की जरूरत है, क्योंकि कुछ तंग नज़र लोगों ने देश को नफरत की आग में धकेल रखा है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों मुसलमान ऐसे हैं जो आतंकवाद के नाम पर अपने भविष्य का ज्यादा हिस्सा जेलों में गुजारने के बाद बाइज्जत बरी हो गए हैं, ऐसे लोगों को सरकार की तरफ से मुआवजा और देश के अच्छे नागरिक होने का प्रमाण पत्र दिया जाए। शेख मोहम्मद आसिम ने कहा कि देश के हजारों नागरिक ऐसे हैं, जो सांप्रदायिक दंगों में मारे गए हैं, ऐसे व्यक्तियों के बच्चों को मुआवजा दिया जाए, चाहे वो किसी भी धर्म या किसी भी जाति के हों। उन्होंने कहा कि मुसलमान मुल्क का वफादार था, है और रहेगा।
शेख मोहम्मद आसिम ने कहा कि ऐसे अफसरों और नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने अपनी ताकत का ग़लत इस्तेमाल करके देश में सांप्रदायिक दंगे भड़काए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग प्लानिंग के तहत लव जेहाद, घर वापसी, गौ-हत्या की अफवाहें फैलाकर देश में नफरत के बीज बो रहे हैं। शेख आसिम ने कहा कि हम तो गाय का ऐहतराम करते हैं, मगर कुछ तंग नज़र लोग गाय के नाम पर हमारा क़त्लेआम करते हैं, ट्रेन में मुस्लिम जोड़ों की पिटाई और गौ-हत्या की अफवाह फैलाकर झगड़े करवाना तंग नज़र का सबूत है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती से कानूनी कार्रवाई करें, जिससे देश और समाज का माहौल खराब होने न पाए। सामाजिक कार्यकर्ता हिदायत खान ने सन् 2014 से अब तक दंगों में मारे गए व्यक्तियों के बच्चों के लिए मुआवजे और अन्य सुविधाओं की मांग की। इस मौके पर हनीफ प्रधान, हिदायत खान, आसिफ अली, इमरान मंसूरी, हसमतुल्ला भी मौजूद थे।

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