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Saturday 2 April 2016 05:32:29 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने संत गाडगे प्रेक्षागृह गोमती नगर लखनऊ में ओड़िया समाज के ओडिशा दिवस का उद्घाटन भगवान जगन्नाथ के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। कार्यक्रम में लखनऊ ओड़िया समाज के अध्यक्ष गोपबंधु पटनायक और ओड़िया समाज के पदाधिकारी व विशिष्टजन उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि भारत विशाल देश है, जिसमें विभिन्न राज्यों की अलग-अलग भाषाएं, कला एवं संस्कृतियां हैं, इन सारी विविधताओं के बावजूद भारत में एकता दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की जननी है और हिंदी बड़ी बेटी के समान है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक एकता हमारे देश की पहचान और सबसे बड़ी पूंजी है।
राज्यपाल ने कहा कि लखनऊ में ओड़िया दिवस का आयोजन ओडिशा की संस्कृति को जानने का अवसर है। उन्होंने कहा कि ओडिशा अपनी संस्कृति तथा ऐतिहासिक धरोहर जैसे गुफाएं, मंदिर, बौद्ध-विहार, भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा आदि के लिए प्रसिद्ध है, ऐसे आयोजन से अपनत्व और भाईचारे को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि अपने प्रदेश का दिवस मनाना प्रदेश की गरिमा को बढ़ाने जैसा है।राज्यपाल ने कहा कि जैसे लखनऊ में ओडिशा दिवस मनाया जाता है, उसी प्रकार मुंबई में भी पिछले 25 साल से हर साल 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि मुंबई में उत्तर प्रदेश के बहुत लोग रहते हैं, उनकी इच्छा है कि उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले अन्य प्रदेशों के निवासी अपने राज्य का स्थापना दिवस मनाएं तो यह एक सराहनीय पहल होगी।
राम नाईक ने लखनऊ ओड़िया समाज की स्मारिका 'निर्माल्या' तथा अयोध्या शोध संस्थान के 'अयोध्या पंचांग' का लोकार्पण भी किया। राज्यपाल ने जापानी नृत्यागंना मसाको ओनो के ओडिशी नृत्य को भी देखा और कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। समारोह में ओडिशा से आए कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं। ज्ञातव्य है कि लखनऊ में ओड़िया समाज बड़ी धूमधाम से ओड़िया दिवस मनाता आ रहा है। उत्तर प्रदेश काडर से आइएएस अधिकारी रहे जीबी पटनायक इस कार्यक्रम को बड़े उल्लास से आयोजित करते हैं। इस बार का आयोजन भी अनुकरणीय रहा।