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भारतीय नववर्ष देश के लिए प्रेरणा

युवाओं को मिले योग्य दिशा और योग्य विचार

भारतीय नवसंवत्सर पर राज्यपाल के विचार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 8 April 2016 04:34:35 AM

the views of the governor on the indian revolution

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने संत गाडगे प्रेक्षागृह में नववर्ष चेतना समिति के भारतीय नवसंवत्सर 2073 पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा जनतांत्रिक देश है, जहां विभिन्न भाषाएं, धर्म और संस्कृति 'अनेकता में एकता' का संदेश देती हैं। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय नववर्ष देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि समाज ऐसी जीवनशैली का उपयोग करे, जो मन को शांति दे सके। उन्होंने विश्व स्वास्थ दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि बदलती जीवनशैली के कारण स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, योग, व्यायाम एवं सूर्य नमस्कार से स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है, मन को शांति अच्छे कार्य एवं अच्छे आचरण से मिलती है।
राज्यपाल ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए वर्तमान पर विचार करें तो आगे क्या करना है, हम सहजता से सोच सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब हम यह विचार करेंगे कि हमारा देश कहां खड़ा है, तभी देश प्रगति कर सकता है। राज्यपाल ने कहा कि देश के युवाओं को योग्य दिशा और योग्य विचार देने की जरूरत है, इसलिए इस अवसर पर इस पूंजी को सही मार्गदर्शन देने का संकल्प करें। उन्होंने कहा कि युवाशक्ति को सही दिशा देकर भारत महानशक्ति बन सकता है, मगर उचित मार्गदर्शन के अभाव में युवा देश के लिए जिम्मेदारी बन सकते हैं। राम नाईक ने वंदे मातरम् और जन-गण-मन की भी चर्चा की और कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ तथा 1950 में संविधान लागू हुआ, संविधान सभा में संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोनों का सम्मान होना चाहिए, इनका सम्मान करना जनतंत्र का सम्मान करना है।
लखनऊ के महापौर डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि भारतीय नववर्ष का पहला दिन नारी के सम्मान से शुरू होता है और नौ दिन तक लगातार नारी के अनेक रूप की पूजा होती है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और साहित्य के कारण अस्मिता और सांस्कृतिक विरासत आज तक हमारे देश में स्थापित है। कार्यक्रम में नववर्ष चेतना समिति के अध्यक्ष डॉ गिरीश गुप्ता, सचिव सुनील अग्रवाल और आचार्य कौशिक चैतन्य ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में संस्था की स्मारिका 'नवचैतन्य' का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुंबई से आए कलाकार प्रोफेसर मदन दुबे ने देशभक्ति पर आधारित गीत प्रस्तुत किए। राज्यपाल ने प्रोफेसर मदन दुबे की आयुर्वेद दोहा की सीडी का लोकार्पण भी किया।

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