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राष्ट्रपति ने प्रदान किए उत्कृष्टता पुरस्कार

'केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम आपस में सहयोग करें'

विशि‍ष्ट श्रमशक्ति इस्तेमाल की जानी चाहिए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 11 April 2016 07:09:02 AM

president excellence award

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सातवें लोक उद्यम दिवस पर आज नई दिल्ली में सार्वजनिक उद्यमों की स्थायी समिति उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि विश्वस्तर पर एकीकृत अर्थव्यवस्था में यह जरूरी है कि हमारे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम प्रतिस्पर्धा का सामना करने एवं इसमें बाजी मारने के लिए आपस में सहयोग करें और अपने संसाधनों को इकट्ठा करें। उन्होंने कहा कि हमारे सीपीएसई के वित्तीय, तकनीकी और श्रमशक्ति संबंधी संसाधनों को साझा करने की आवश्यकता है, ताकि काफी तेजी से तब्दील होते ग्राहक संचालित बाजारों में बेहतर और कहीं ज्यादा अनुकूल समाधान हासिल करना संभव हो सके।
राष्ट्रपति ने कहा कि उपयुक्त रणनीतियों एवं उपायों को विकसित करने के लिए सीपीएसई में उपलब्ध विशि‍ष्ट श्रमशक्ति का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे प्रदर्शन में बेहतरी के साथ-साथ घरेलू और वैश्विक दोनों ही बाजारों में परिचालन का विस्तारीकरण भी संभव हो पाएगा। उन्होंने कहा कि सीपीएसई के पास उपलब्ध अधिशेष भूमि की पहचान करने और उन्हें सुलभ कराने के लिए उनकी ओर से तत्काल ठोस कदम उठाने की जरूरत है, क्योंकि इनका इस्तेमाल अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान करने और रोज़गार अवसर बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक सार्वजनिक निवेश को सृजित करने में किया जा सकता है, इसी तरह हमारे सीपीएसई के पास उपलब्ध निर्बाध अधिशेष भंडार की पहचान करने एवं उन्हें सुलभ कराने की भी जरूरत है, ताकि पूंजीगत खर्च को अच्छा-खासा बढ़ाने में उसका इस्तेमाल किया जा सके।
प्रणब मुखर्जी ने इस ओर ध्यान दिलाया कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने पिछले साल की तुलना में वर्ष 2014-15 के दौरान चुकता पूंजी और लगाई गई पूंजी में 7 प्रतिशत, कुल निवेश में 10.5 प्रतिशत और कुल बाजार पूंजीकरण में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वर्ष 2012-13 से लेकर वर्ष 2014-15 तक के पिछले तीन वर्ष के दौरान औसतन, कार्यरत पीएसई द्वारा समग्र रूप से 1,15,426 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाए जाने, 20,02,591 करोड़ रुपए का सकल कारोबार, राजस्व सृजित किए जाने और 57,115 करोड़ रुपए के लाभांश का भुगतान किए जाने का अनुमान है। इस तरह देश की अर्थव्यवस्था में पीएसई का योगदान साल दर साल लगातार महत्वपूर्ण ही बना रहा।
राष्ट्रपति ने सरकार की विभि‍न्न पहलों जैसे कि ‘मेक इन इंडिया’, ‘कौशल निर्माण’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्‍वच्‍छ भारत’ की दिशा में सीपीएसई के योगदान को दर्शाने वाले एक व्यापक संग्रह को पेश करने के लिए स्कोप की सराहना की। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में सीपीएसई के प्रबंधन और कर्मचारियों की हितकारी भागीदारी के लिए उनकी भी सराहना की। इस संदर्भ में उन्होंने सीपीएसई का आह्वान किया कि वे देश के उत्थान के उद्देश्य से हर साल अपनी सीएसआर कार्य योजना के तहत किसी साझा विषय या मुद्दे को अपने हाथ में लेने पर विचार करें।

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