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Wednesday 06 February 2013 08:18:50 AM
नई दिल्ली। ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस एंड जर्मनी’ पुस्तक की पहली प्रति बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रोफेसर अनिता बी पाफ की ओर से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेंट की गई। पुस्तक को फेडरेशन ऑफ इंडो-जर्मन सोयाटीज़ इन इंडिया की ओर से तैयार किया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि पुस्तक को देखकर वे काफी प्रसन्न हुए, क्योंकि यह प्रोफेसर अनिता बी पाफ का खुद तथा अन्य जाने-माने लेखकों और जीवनी लेखकों का एक असाधारण संग्रह है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक नेताजी के प्रति एक श्रद्धांजलि है, जो राष्ट्रीय आंदोलन के महानतम नेताओं में एक थे और जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी ने अविस्मरणीय भूमिका निभाई थी, नेताजी सभी भारतीयों को निरंतर प्रेरित करते रहेंगे।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इस पुस्तक में नेताजी के जीवन के अनोखे पहलुओं को चित्रित करने के साथ ही और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति उनके असाधारण योगदान का भी उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि पुस्तक के माध्यम से हम एक बार फिर अपनी मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए नेताजी के प्रयासों और उनके समर्पण से प्रेरित महसूस करते हैं। राष्ट्रपति ने सन् 1995 में ऑग्सबर्ग में प्रोफेसर अनिता बी पाफ के निवास पर अपने दौरे को याद किया और कहा कि वहां उन्हें नेताजी के परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ मुलाकात करने का सुअवसर मिला। उन्होंने वहां नेताजी के बारे में दिलचस्प और स्मरणीय बातचीत की थी।